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बिहार में भी कांग्रेस प्रत्याशी पर नाबालिग के शारीरिक उत्पीड़न का केस, बेटा गिरफ्तार

सासाराम.

पुलिस ऐसे केस में इंतजार नहीं करती, लेकिन इसमें कार्रवाई के लिए 25 दिन गुजार दिए। इतना समय गुजारा कि जिस पिता ने अपनी बेटी के शारीरिक शोषण की बात उजागर करते हुए थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई थी, उसे खुद ही संशोधित शपथ पत्र दाखिल कर अहम आरोपी का नाम बाहर निकालना पड़ा है। क्योंकि, मामला बहुत बड़ा है। इतना बड़ा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बिहार से अपना एक प्रत्याशी बदलना पड़ सकता है।

सासाराम से कांग्रेस प्रत्याशी मनोज भारती उर्फ मनोज राम का बेटा उज्ज्वल राम गिरफ्तार हो गया है, लेकिन प्राथमिकी में शामिल उसके पिता को शपथ पत्र के आधार पर पुलिस ने जांच के दायरे से कुल मिलाकर निकाल ही दिया है। कैमूर एसपी कह रहे हैं कि मामले की जांच चल रही है, हालांकि वह यह भी बता रहे हैं कि लड़की के कोर्ट में दिए बयान और उसके पिता के संशोधित शपथ पत्र के आधार पर मनोज राम पर कार्रवाई नहीं की गई है।

कैसे शुरू हुआ मामला, पहले यह जानें
पहले दिन से यह मामला बड़ा था। थाने में सीधे केस नहीं हुआ था। फरियाद सीधे कैमूर के पुलिस अधीक्षक के पास पहुंची थी। फरियाद लगाने वाला एक पिता है और इसमें 14 साल की एक बच्ची के शारीरिक शोषण का मामला है, इसलिए ‘अमर उजाला’ स्वस्थ पत्रकारिता के मद्देनजर इनकी पहचान सामने नहीं ला रहा है। तो, कागजी तौर पर शुरुआत 8 अप्रैल 2024 को हुई, जब कैमूर के कुदरा थाना में पॉक्सो (POCSO) और भारतीय दंड विधान की धाराओं- 363/366(a)/34 के तहत केस दर्ज हुआ। केस दर्ज कराने वाले ने अपनी पत्नी और एक अन्य महिला रिश्तेदार के साथ प्राथमिकी में दो पुरुषों का नाम लिखा था- उज्ज्वल कुमार और उसका पिता मनोज राम। अलग रह रही पत्नी और उस महिला के बारे में बाकी जानकारी के साथ प्राथमिकी दर्ज कराने वाले ने तहरीर में लिखा था कि मनोज राम के विद्यालय में पढ़ रही उनकी बेटी का उज्ज्वल कुमार शारीरिक शोषण करता रहा। जब स्कूल से हटा दिया तो उन्हें छोड़कर जा चुकी पत्नी की दखल से मनोज राम ने फिर से उसका दाखिला स्कूल में लिया। मनोज राम और उन दो महिलाओं पर आवेदक ने आरोप लगाया कि यह सब उनकी नाबालिग बेटी को अब फुसलाकर वेश्यावृत्ति की ओर ले जा सकते हैं या बेच सकते हैं।

प्रत्याशी पुत्र गिरफ्तार, मगर तीन और बातें हुईं
पॉक्सो के ऐसे केस में अमूमन पुलिस बहुत तेजी से प्रतिक्रिया दिखाती है, लेकिन यहां वह गति नहीं दिखी। जब यह केस दर्ज हुआ, तब बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रह चुके मनोज राम का नाम 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में संभावित था। पूरे 15 दिन बाद मनोज राम उर्फ मनोज भारती का नाम कांग्रेस ने सासाराम लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी के रूप में घोषित कर दिया। प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े कुछ लोग सक्रिय हुए और निर्वाचन आयोग के पास उस प्राथमिकी की प्रति के साथ आवेदन दिया। कैमूर के ही रहने वाले कन्हैया राम ने आवेदन में लिखा कि “कांग्रेस प्रत्याशी हवाला लेन-देन करते हैं और नाबालिगों को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेलने, लड़कियों को विदेश में बेचने, धर्मांतरण कराने आदि के लिए भी इनकी पहचान है। कन्हैया राम ने लिखा है कि इनके खिलाफ वीडियो फुटेज और चैट्स का प्रमाण है, लेकिन रसूख के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं करती है।” मामला निर्वाचन आयोग के बिहार कार्यालय पहुंचा तो उधर कैमूर पुलिस ने कांग्रेस प्रत्याशी मनोज राम के बेटे उज्ज्वल कुमार को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन, इन 26-27 दिनों के अंदर और भी बहुत कुछ हुआ, जैसे- 1. लड़की ने कोर्ट में बयान दिया कि उसका अपहरण नहीं हुआ था, 2. लड़की के पिता ने संशोधित शपथ पत्र पुलिस को दिया कि इसमें मनोज राम की भूमिका नहीं है, और 3. पुलिस ने इन दोनों के आधार पर अनुसंधान रिपोर्ट में मान लिया कि मनोज राम के खिलाफ प्रमाण नहीं मिल रहा है।

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