सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सतना जिले के अमर शहीद लाल पद्मधर सिंह का नाम राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिये स्वयं का बलिदान इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की एक लोमहर्षक घटना है। जब लाल पद्मधर सिंह ने राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में आत्मोत्सर्ग किया। लाल पद्मधर सिंह का जन्म 1913 में मध्यप्रदेश के सतना जिले के कृपालपुर गांव में हुआ था। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे तथा हिंदू बोर्डिंग हाउस में उनका निवास था। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 12 अगस्त 1942 को छात्रों के जुलूस का नेतृत्व किया।
भारत छोड़ो आंदोलन के प्रारम्भ के साथ ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने 12 अगस्त को कलेक्ट्रेट को अंग्रेजों से मुक्त कराने और तिरंगा फहराने की योजना बनाई। लेकिन इसकी भनक अंग्रेजी हुकूमत को लगते ही कलेक्ट्रेट तक आने वाले रास्ते पर पुलिस तैनात कर दी गई। 12 अगस्त को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन से छात्र-छात्राओं का जुलूस, तिरंगा लेकर कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुआ। इसका नेतृत्व लाल पद्मधर सिंह कर रहे थे। लाल पद्मधर सिंह हाथ में तिरंगा लेकर आगे बढ़े तो घोड़े पर सवार कलेक्टर डिक्शन ने उन्हें गोली मारने का आदेश दिया। भारत माता की जय के नारे लगाता हुआ यह युवा क्रांतिकारी, ब्रिटिश शासन के दमन के चलते वीरगति को प्राप्त हुआ।