Ganga Dussehra 2022: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ हस्त नक्षत्र ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के दसवें दिन गंगा जी ने हिमालय से अवतार लिया था। इस दिन पवित्र तीर्थ में गंगा स्नान कर दस प्रकार की वस्तुओं का दान करना चाहिए। खरबूजा, सत्तू, शर्बत, फूल, दीया, पान, इत्र, पंखा, जौ और तिल, सोलह मुट्ठियां दान करना। जरूरतमंदों को खाना खिलाएं। कहा जाता है कि गायत्री मंत्र भी गंगा दशहरा के दिन ही प्रकट हुआ था। इस पर्व के लिए गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है। माना जाता है कि गंगा में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री बताते हैं कि वैसे तो गंगा स्नान का अपना महत्व है, लेकिन गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है। स्कंद पुराण के अनुसार, गंगा दशहरे के दिन व्यक्ति को किसी भी पवित्र नदी में जाकर स्नान, ध्यान और दान करना चाहिए। इससे उसे अपने सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। यह दिन सबसे पुण्य और फलदायी होता है। गंगा दशहरे पर मंदिरों में पूजा के साथ ही भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है और प्रसाद का वितरण किया जाता है।
इस दिन गंगा में खड़े होकर गंगा स्तोत्र का पाठ करने वाले को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। स्कंद पुराण में दशहरा नाम का एक गंगा स्तोत्र है। इस दिन दान-पुण्य करने का अधिक महत्व है। इस दिन 10 चीजों का दान करना चाहिए। दस अंक अधिक महत्वपूर्ण हैं। इससे फल अधिक मिलता है। इस दिन पूजा करने और स्नान करने से आपके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- गंगा दशहरा का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
- इस दिन लोग उपवास रखते हैं और पानी भी छोड़ कर इस व्रत को करते हैं। ग्यारस (एकादशी) की कथा सुनी जाती है और अगले दिन लोग दान-पुण्य करते हैं।
- इस दिन जल दान करने के बाद जल पीकर व्रत पूरा करते हैं।
- इस दिन भक्त केला, नारियल, अनार, सुपारी, खरबूजा, आम, पानी से भरा जग, हाथ का पंखा आदि चीजों का दान करते हैं।
- गंगा दशहरा के दिन चूरमा चढ़ाना चाहिए।
- घर पर प्रसाद के रूप में चूरमा बनाएं और उसे चढ़ाने के बाद परिवार के सभी सदस्यों को खाने के लिए दें।