Ganga Dussehra Mahotsav: digi desk/BHN/उज्जैन/ज्येष्ठ शुक्ल प्रतिपदा पर मंगलवार को मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पर मंगलवार को 15 दिवसीय गंगा दशहरा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। सुबह भागसीपुरा स्थित गंगा माता मंदिर से सुबह 8 बजे गंगा माता की सवारी निकाली गई। माता गंगा शिव रथ पर सवार होकर मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पहुंचीं। पश्चात ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना कर गंगा माता को रामघाट पर विराजित किया।
ज्येष्ठ पूर्णिमा तक 15 दिन इसी स्थान पर देवी की पूजा-अर्चना होगी। इधर, रामघाट के समीप स्थित शिप्रा गंगा माता मंदिर में शिप्रा-गंगा माता का पूजन कर आकर्षक श्रृंगार किया गया। परंपरा अनुसार रात आठ बजे ग्वालियर के संत बालकृष्ण वासुदेवनाथ ढोली बुआ ने भक्तों को नारदीय संकीर्तन के माध्यम से हरि कथा सुनाई।
रामघाट पर आयोजित होने वाले गंगा दशहरा उत्सव में दो स्थानों पर गंगा माता का पूजन किया जाता है। भागसीपुरा स्थित गंगा माता मंदिर से लाई गई मूर्ति को पिशाचमोचन तीर्थ के सामने विराजित कर पंडित पूजा-अर्चना करते हैं, वहीं शिप्रा-गंगा माता मंदिर में एक पखवाड़े तक शिप्रा-गंगा माता का पूजन किया जाता है। शाम को महाआरती के बाद भक्तों को प्रसादी का वितरण किया जाता है।
ओढ़ाएंगे चुनरी
परंपरा अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर नौ जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। गोधूलि वेला में नगरवासी शिप्रा तट पर उमड़ेंगे। तीर्थ पुरोहित मोक्षदायिनी शिप्रा का पंचामृत अभिषेक-पूजन कर सौभाग्य सामग्री अर्पित करेंगे। इसके बाद करीब 400 मीटर लंबी चुनरी ओढ़ाई जाएगी। इस दिन शिप्रा के गंधर्व घाट पर भी उत्सव मनाया जाएगा।