शिक्षित बेटियां समाज के विकास में देंगी योगदान
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ लाड़ली न केवल लक्ष्मी के रूप में जन्मेगी वरन् सरस्वती बन हर क्षेत्र में अपने अभिभावकों का प्रदेश एवं देश में नाम रोशन करेंगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना ने कई बड़ी समस्याओं का स्वंय ही समाधान कर दिया। इस योजना से लिंगानुपात तो बढ़ा ही है साथ ही साथ बेटियों की शिक्षा की ओर समाज का रूझान बढ़ा है। अब तक मां-बाप जो सिर्फ बेटियों की शादी कर चिंता मुक्त हो जाते थे, अब बच्चियों को शिक्षित कराने में रूचि ले रहे हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सौरभ सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश की लाडली लक्ष्मी योजना में पर्याप्त अवसर मिलने से बेटियां अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। सतना जिले में 1 लाख 23 हजार 908 बेटियों को इस योजना का लाभ दिया गया है। पंजीकृत शत-प्रतिशत लाड़लियों को 6वीं, 9वीं एवं 12वीं पास करने पर छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी योजना 1 अप्रैल वर्ष 2007 से प्रारंभ की गई है, जिसमे कुल एक लाख 18 हजार रूपये दिये जाते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस योजना का लाभ के रूप में मिलने वाली धनराशि का भुगतान अलग-अलग किस्तों में किया जाता है। पहली किस्त में बेटी के जन्म से लगातार 5 वर्षों तक 6-6 हजार रूपये लाड़ली लक्ष्मी योजना की निधि में जमा होते हैं। दूसरी किस्त कक्षा 6वीं में प्रवेश पर 2 हजार, तीसरी किस्त कक्षा 9वीं में प्रवेश पर 4 हजार रूपए, चौथी किस्त कक्षा 11वीं में प्रवेश पर 6 हजार रूपए, पाँचवीं किस्त कक्षा 12वीं में प्रवेश पर 6 हजार रूपए एवं छटवी किस्त बेटी के 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के साथ-साथ 21 साल या इससे अधिक आयु पूर्ण होने पर अंतिम किस्त के रूप में एक लाख रूपए की सहायता राशि के रूप में प्रदान की जाती है। इस प्रकार यह योजना लिंग सुधार, बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच लाने, बेटियों के शैक्षणिक स्तर पर स्वास्थ्य में सुधार लाने और उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में सार्थक साबित हो रही है।