Trade, receive notice on filing income tax returns know how to replay: digi desk/नई दिल्ली/ किसी व्यक्ति या संस्था के आईटीआर में कोई गलती पाए जाने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजता है। जिसका जल्द ही जवाब देना रहता है। आयकर विभाग के नोटिस विभिन्न प्रकार के होते हैं। इस लिए हर कैटेगरी के उत्तर भी अलग-अलग देने होते है। अगर आपके आयकर रिटर्न में कोई गड़बड़ी है, तो आयकर अधिनियम की कई धाराओं के तहत नोटिस मिल सकता है। ये नोटिस जांच, गैर फाइलिंग, आईटीआर दाखिल करने में देरी, आय का खुलासा न करना और सेल्फ असेसमेंट टैक्स का भुगतान न करने के लिए हो सकते हैं। आइए जानते हैं किस सेक्शन में मिलता है नोटिस और कैसे दे उसका जवाब।
नोटिस
सेक्शन 139(9)
टैक्स रिटर्न फाइल करने में गड़बड़ी होने पर सेक्शन 139(9) के तहत नोटिस मिलता है। गलतियों में ये बातें हो सकती हैं :-
1. अगर गलत आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल किया है।
2. अगर टैक्स पूरा नहीं भरा है।
3. अगर कटे टैक्स पर रिफंड क्लेम किया, लेकिन इनकम की जानकारी नहीं दी।
4. आईटीआर फॉर्म व पैन कार्ड में नाम एक जैसा नहीं है।
5. टैक्स भरा है, लेकिन आय की जानकारी नहीं दी।
कैसे दें जवाब
इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट (https://incometaxindia.gov.in/) पर जाकर सही आईटीआर फॉर्म डाउनलोड करें। फिर सेक्शन 139(9) जहां रिटर्न फाइलिंग में गलती हुई है उसे ऑप्शन को चुनें। रेफरेंस, एक्नॉलेजमेंट नंबर भरें और सुधार के साथ फॉर्म भरें। नोटिस यू/एस 139(9) के जवाब में ई-फाइल पर क्लिक करें। अब नोटिस में मिले पासवर्ड का इस्तेमाल कर फॉर्म अपलोड कर दें।
धारा
सेक्शन 143(1)
सेक्शन 143(1) के तहत आपको तीन तरह के नोटिस मिल सकते हैं।
1. यह फाइल किए गए रिटर्न्स का आखिरी आकलन हो सकता है।
2. यह रिफंड नोटिस हो सकता है। जिसमें एसेसिंग ऑफिसर के कैलकुलेशन के मुताबिक ज्यादा टैक्स भर दिया है।
3. एक डिमांड नोटिस हो सकता है। जिसमें ऑफिसर की गणना के मुताबिक कम टैक्स भरा है।
क्या करना होगा
अगर फाइल रिटर्न में गड़बड़ी नहीं है, तो कुछ करने की जरूरत नहीं है। अगर आप रिफंड के दावेदार हैं, तो बैंक अकाउंट में पैसे आ जाएंगे। ऐसा नहीं होने पर रिफंड की मांद दोबारा कर सकते हैं। अगर टैक्स बकाया है, तब 30 दिनों के अंदर चुकाना होगा।
टैक्स छूट
सेक्शन 143(1A)
इस सेक्शन के तहत तब नोटिस मिलता है जब:
1. अगर फाइल रिटर्न में इनकम की जानकारी और फॉर्म 16 में दर्ज आय की राशि में अंतर हो।
2. आपकी ओर से धारा 80C के तहत किए गए टैक्स छूट के दावे में अंतर होने पर।
3. चैप्टर VIA और फॉर्म 26AS में अंतर हो।
क्या करना होगा
नोटिस मिलने के 30 दिन के अंदर एसेसिंग ऑफिसर से संपर्क करें।
रिटर्न फाइल
सेक्शन 148
फाइल किए गए रिटर्न में इनकम शामिल नहीं होने पर नोटिस मिलता है। अगर छूटी हुई आय एक लाख या उससे कम है, तो असेसमेंट ईयर के चार साल के अंदर व एक लाख से अधिक है। तब छह साल के अंदर नोटिस मिल सकता है।
क्या करें
संबंधित असेसमेंट ईयर की रिटर्न फाइल करनी होगी।
स्क्रूटनी असेसमेंट
सेक्शन 143 (2)
यह रिटर्न की जांच के बाद मिलने वाला एक स्क्रूटनी असेसमेंट नोटिस है। यह तीन तरह का होता है। पहला लिमिटेड परपज, दूसरा कम्पलीट स्क्रूटनी और तीसरा मैन्युअल स्क्रूटनी नोटिस है। आइए जानते हैं तीनों असेसमेंट नोटिस के बारे में।
1. लिमिटेड परपज स्क्रूटनी: इसमें कुछ बातों का ध्यान दिया जाता है। उन्हीं को सिर्फ वेरीफाई किया जाता है।
2. कम्पलीट स्क्रूटनी: टैक्स रिटर्न में गलती मिलने पर भेजा जाता है।
3. मैन्युअल स्क्रूटनी नोटिस: इस नोटिस को भेजने का फैसला असेसमेंट ऑफिसर करता है। इसे आयकर विभाग कमिश्नर द्वारा अप्रूवल के बाद भेजा जाता है।
क्या करना होगा
नोटिस प्राप्त होने पर तय तारीख पर इनकम और खर्च से जुड़े डॉक्टूमेंट्स लेकर जाने होंगे। इस धारा का उल्लंघन करने पर –
1. असेसमेंट कर टैक्स लायबिलिटी तय हो सकती है।
2. धारा 271 (1)(B) के तहत 10 हजार रुपए देने पड़ सकते हैं।
3.276 (D) के तहत एक साल की सजा या जुर्माना देने पड़ सकता है।
धन वापसी
सेक्शन 245
अगर आपने भुगतान किए गए टैक्स पर धनवापसी का दावा किया है, लेकिन आपके नाम पर बकाया है। तब सेक्शन 245 के तहत नोटिस दिया जाता है। इस नोटिस के जरिए आयकर विभाग पिछले सालों से लंबित मांगों के बारे में आपके द्वारा किए गए दावे की जानकारी देता है।