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Satna: पृथ्वी हमारे जीवन के अस्तित्व और पोषण का आधार- कलेक्टर

मातृभूमि दिवस के रुप में मनाया गया पृथ्वी दिवस

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ सतना जिले में अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस को मातृभूमि दिवस के रुप में मनाया गया। अन्तर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के अवसर पर राज्य आनंद संस्थान और जिला प्रशासन के निर्देशानुसार म.प्र. जन अभियान परिषद एवं राज्य आनंद संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में कलेक्ट्रेट सभागार में मातृभूमि दिवस (पृथ्वी दिवस) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता कलेक्टर अनुराग वर्मा द्वारा की गई। कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, सीईओ जिला पंचायत सतना डॉ. परीक्षित राव, अपर कलेक्टर राजेश शाही, नोडल अधिकारी आनंद विभाग सौरभ सिंह, जन सम्पर्क अधिकारी राजेश सिंह रहे। जिला समन्वयक जन अभियान परिषद डॉ. राजेश तिवारी एवं जिला सम्पर्क व्यक्ति राज्य आनंद संस्थान द्वारा कार्यक्रम का प्रारंभ वंदे मातरम सामूहिक गीत द्वारा किया गया। उसके उपरान्त स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।
कलेक्टर अनुराग वर्मा नें कार्यशाला में संबोधित करते हुये कहा कि पृथ्वी हमारे जीवन के अस्तित्व और पोषण का आधार है। दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती जो हमारे समक्ष सामनें खड़ी है, वो है पृथ्वी की सुरक्षा। हम सब जानते हैं कि आज पूरे विश्व में पृथ्वी के पोषण और सवंर्धन पर चर्चा हो रही है, क्योंकि पृथ्वी को विकास के इस बढ़ते दौर नें बीमार किया है। जल, पर्यावरण, मिट्टी, पहाड़, ग्लेशियर, बढ़ता तापमान ये सभी पृथ्वी की चुनौतियां बनकर सामनें खड़ी है। इनके खतरनाक प्रभाव हम सभी के समक्ष है, जो आने वाले भविष्य में जीवन को संकट में डाल देंगे। इसलिये इस महत्वपूर्ण दिवस पर इस वर्ष के लिये जो थीम दी गयी है, वो है ‘‘इन्वेस्टिंग अवर प्लानेट (अपनी मातृभूमि के लिये हमारा योगदान)’’ हम सबको इस थीम पर विचार करना होगा और अपना अपना योगदान सुनिश्चित करना होगा।

कार्यशाला को आगे बढ़ाते हुये पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि एक कविता है कि देश हमे देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें। यह कविता निश्चित रूप से पृथ्वी दिवस की इस वर्ष की थीम का समर्थन करती है। आज आवश्यकता है कि हम सभी इस मातृभूमि दिवस पर विचार करें कि हम अपनें इस ग्रह को बचानें के लिये क्या-क्या समर्थन और सहयोग दे सकते हैं। उन्होने कहा कि सामाजिक संस्थाये समाज का नेतृत्वकर्ता होती हैं। यह आवश्यक है कि स्वयंसेवी संस्थाये अपनें परिवेश की आवश्यकताओं को समझ कर उसके संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जनभागीदारी से क्या-क्या पहल हो सकते हैं, इस पर सेवा कार्यो और जन जागरण अभियानों की शुरूआत करनी चाहिये।
कार्यशाला में नगर निगम सतना आयुक्त तन्वी हुड्डा ने कहा कि यह दिवस महत्वपूर्ण इसलिये है कि इस दिवस की धुरी पर सारी मानवता टिकी हुई है। समस्त जीव-जन्तु का आश्रय स्थल पृथ्वी सभी धर्मा, वर्गो और प्रजातियों के लिये बराबर महत्व रखती है। अतः आज के दिवस हम सभी को प्रण लेना होगा कि हम सभी कैसे अपनी मातृभूमि और इस सम्पूर्ण पृथ्वी को खुशनुमा बनाये रख सकते है।
पृथ्वी दिवस से जुड़े राज्य शासन द्वारा प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर जलाभिषेक अभियान पूरे भारत में प्रारंभ किया गया है। जलाभिषेक अभियान के अन्तर्गत जानकारी देते हुये सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित राव द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा पृथ्वी का संवर्धन का मुख्य आधार जल है और सबसे महत्वपूर्ण की जल में भी पीने वाला मीठा जल आज हम सभी के सामनें चुनौती बनकर खड़ा है। इसलिये जिला प्रशासन द्वारा जलाभिषेक अभियान के अन्तर्गत जिले में 112 नवीन तालाबों का निर्माण करनें का निर्णय लिया गया है। इसके साथ-साथ पुरानी बनी जल संरचनाओं को भी साफ-सुथरा एवं व्यस्थित करनें की भी पहल की जा चुकी है।

कार्यशाला में अपर कलेक्टर राजेश शाही ने उपस्थित सभी समाज सेवियों को पृथ्वी दिवस के इतिहास के बारे में बताते हुये कहा कि वर्ष 1969 में पहली बार पूरे विश्व के समक्ष पृथ्वी दिवस मनाने का विचार प्रस्तुत किया गया। बाद में इसे वर्ष 1970 से प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाने लगा। लेकिन हमारे देश मे यह विचार अत्यंत प्राचीन काल से ही चेतना का विषय रहा है। तभी तो हम प्रत्येक अवसरों एवं मांगलिक कार्यो में पृथ्वी से जुड़े सभी प्रतीको को पूजते आये है। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ घनश्याम गुप्ता प्राध्यापक एवं पर्यावरण वैज्ञानिक महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा कार्यशाला में तकनीकी विषय रखे गये। कार्यशाला के अंत में अंकुर अभियान और पौधारोपण अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य करनें वाले प्रतिभागियों को वृक्षवीर एवं वृक्ष वीरांगना मानकर प्राणवायु पुस्ककार से सम्मानित किया गया।

इन्हें मिले पुरुस्कार

अंकुर अभियान के तहत डॉ. घनश्याम गुन्ता, डॉ. क्रांति मिश्रा, सुशील कुमार श्रीवास्तव, बृजनंदन प्रसाद तिवारी, विकास रजक, हर्ष शुक्ला, शिवेन्द्र दुबे, शशिबाला, ममता तिवारी, शशि सिंह, सुषमा तिवारी, नीता श्रीवास्तव, सलमा साहीन, प्रियंका मिश्रा, रमाकान्त सिंह, महेन्द्र पाठक, संगीता अरजरिया, अदिति सिंह, अंचल चतुर्वेदी, समयलाल पांडेय, घनश्याम तिवारी, पुरूषोत्तम कुम्हार, लोकेश दुबे, नारेन्द्र गर्ग, ममता सिंह, अरूण प्रताप सिंह, अनूप पाठक सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ता जिला प्रशासन द्वारा पुरूस्कृत किये गये।

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