सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 अप्रैल को दोपहर एक बजे कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशलन कान्वेंशन सेंटर में ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना’ का शुभारंभ करेंगे। योजना में इस वित्तीय वर्ष में एक लाख युवाओं को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि हॉल ही में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा इस योजना की घोषणा की गई थी, जिसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्ययम विभाग ने अमलीजामा पहनाया है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि योजना का उद्देश्य शिक्षित युवाओं को स्वयं का उद्यम/स्व-रोजगार स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से कोलेटरल फ्री ऋण उपलब्ध कराना है। साथ ही ब्याज अनुदान सहायता से ऋण लागत कम कराकर परियोजना की व्यवहार्यता को बढ़ाना है ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक सूक्ष्म उद्यम स्थापित हो सकें। उन्होंने बताया कि युवाओं की बेरोजगारी दूर हो और युवा नौकरी के विकल्प के रूप में स्व-रोजगार को अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो इसके लिए ही यह महती योजना प्रारंभ की जा रही है।
मंत्री श्री सखलेचा ने बताया कि इस नयी स्व-रोजगार योजना में प्रदेश के 12वीं पास एवं 18 से 40 आयु वर्ग के युवाओं को विर्निमाण गतिविधियों के लिये एक से 50 लाख तक तथा सेवा/व्यवसाय गतिविधियों हेतु एक लाख से 25 लाख तक की परियोजनाओं के लिये बैंकों से ऋण दिलाया जायेगा। ‘मुख्यमंत्री उद्यम क्रान्ति योजना’ के हितग्राहियों को शासन द्वारा वित्तीय सहायता के रूप में 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान तथा बैंक ऋण गारंटी शुल्क अधिकतम 7 वर्षों के लिये दिया जायेगा।
पीएम एफएमई योजना से संभाग में 15 इकाईयां स्थापित
कृषि पर आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री एफएमई योजना 2020 से लागू की गयी है। प्रधानमंत्री फार्मलाइजेशन ऑफ माइक्रोफूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज योजना (एफएमई) का मुख्य उद्देश्य खाद्य प्र-संस्करण को बढ़ावा देकर स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन तथा कृषि का विकास करना है। इस योजना के तहत रीवा संभाग में गत एक वर्ष में 15 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की गयी हैं।
इस संबंध में प्रभारी संयुक्त संचालक उद्यानिकी ने बताया कि रीवा संभाग में एफएमई योजना के तहत 135 इकाईयों का लक्ष्य दिया गया था। इसके विरूद्ध 295 आवेदन पत्र प्राप्त हुए इनमें से 151 आवेदन पत्र मंजूर करके आनलाइन बैंकों को भेजे गये। बैंकों से 41 प्रकरण स्वीकृत करके 25 प्रकरणों में ऋण राशि का वितरण किया गया। इनमें 15 उद्यमियों ने अपनी इकाईयां स्थापित कर ली हैं। जिनमें 6 खाद्य प्र-संस्करण इकाईयां रीवा जिले में तथा 9 सतना जिले में स्थापित की गयी हैं। रीवा जिले में हल्दी तथा मसाला निर्माण करने की इकाईयां हैं। सतना जिले में टमाटर से विभिन्न खाद्य पदार्थ बनाने की इकाईयां स्थापित की गयी हैं।
विवाद से विश्वास योजना की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ी
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिना सम्मति प्राप्त संचालित उद्योगों और संस्थानों के लिये लागू ‘विवाद से विश्वास’ योजना की अवधि 30 अप्रैल, 2022 तक बढ़ा दी है। पूर्व में यह अवधि एक जनवरी से 31 मार्च, 2022 तक थी।
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि ऐसे उद्योग, जिनके द्वारा कभी भी सम्मति नहीं ली गई है, उनको प्रथमतः स्थापना सम्मति प्राप्त करनी होगी। साथ ही जिन उद्योगों ने स्थापना और उत्पादन की सम्मति ली है, लेकिन उसका नवीनीकरण नहीं कराया है, वे भी उक्त योजना अवधि में आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। एक जनवरी से 31 मार्च, 2022 तक की अवधि में सम्मति आवेदन करने वाले उद्योगों पर पूर्व वर्षों की अवधि के लिये देय स्थापना/उत्पादन सम्मति की शुल्क दरें वर्तमान विनिधान राशि पर देय होंगी। विलंब शुल्क देय नहीं होगा।