सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जिला एवं सत्र न्यायालय राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि कोरोना से हुई मौतों के मामले में आश्रितों और बच्चों को प्रतिकर की राशि प्रदान करने में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सहयोग करेगा।
पीड़ितों को एक्सग्रेशिया प्रतिकर की राशि चिन्हित कर प्रदान किए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मृतकों के आश्रितों के द्वारा किए गए दावों का परीक्षण सूक्ष्मता से किए जाने के लिए निर्देशित किया है। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने वर्तमान तक कोविड-19 से हुई मृत्यु के संबंध में प्राप्त होने वाली प्रतिकर राशि के लिए आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है। तो वे अपना आवेदन जिला स्तर पर गठित जिला स्तरीय कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु प्रमाणित करने के लिए समिति के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। यदि ऐसे आश्रित एवं उनके परिजन जिनके आवेदन अस्वीकृत किए गए हैं और असंतुष्ट हैं, तो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सतना में आवेदन कर सकते हैं।
राज्य सरकार इस वर्ष से म.प्र. रत्न, म.प्र. गौरव और म.प्र. श्री पुरस्कार प्रारंभ करेगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार इस वर्ष से मध्यप्रदेश रत्न, मध्यप्रदेश गौरव और मध्यप्रदेश श्री पुरस्कार प्रारंभ करेगी। इस वर्ष ये पुरस्कार नवम्बर माह में प्रदान किये जायेंगे। ये पुरस्कार कला, संस्कृति, साहित्य, विज्ञान, चिकित्सा, शिक्षा आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को दिये जायेंगे।
मुख्यमंत्री गत दिवस अपने निवास पर इस वर्ष पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित एवं गत वर्षों में पद्म सम्मान प्राप्त कर चुकी प्रदेश की विभूतियों को सम्मानित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने इस वर्ष (जिनको 26 जनवरी को पद्म सम्मान दिये जाने की घोषणा की गई है) पद्म सम्मान प्राप्त करने वाली प्रदेश की विभूतियों, स्व. डॉ. एन.पी. मिश्रा (उनके पुत्र श्री सुनील मिश्रा), श्रीमती दुगार्बाई व्याम, अर्जुन सिंह धुर्वे एवं पं. रामसहाय पाण्डे को सम्मानित किया। साथ ही गत वर्षों में पद्म सम्मान से सम्मानित मध्यप्रदेश की विभूतियों श्री भज्जू श्याम, श्री विजय दत्त श्रीधर, कपिल तिवारी एवं श्रीमती भूरीबाई को भी सम्मानित किया गया।
बहु-संकायी बन सकेंगे शासकीय महाविद्यालय-आदेश जारी
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश की शैक्षणिक संस्थानों में जहाँ स्नातक स्तर में एकल एवं द्वि-संकाय संचालित है। ऐसे शासकीय महाविद्यालयों को बहु-संकाय संस्थान के रूप में उन्नयन करने की अनुमति प्रदान की गई है। इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में कुल 135 एकल संकाय तथा 114 द्वि-संकाय संचालित शासकीय महाविद्यालय हैं। राज्य शासन द्वारा प्रथम चरण में 50 महाविद्यालयों को बहु-संकाय संस्थान के रूप में उन्नयन करने के लिए डीपीआर तैयार कर वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है। महाविद्यालय जन-भागीदारी समिति द्वारा स्व-वित्तीय योजना के तहत निर्धारित शर्तों की पूर्ति कर शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय प्रारंभ करने की अनुमति प्राप्त की जा सकती है।