American doctors created history for the first time a pig heart beat in the human chest: digi desk/BHN/बाल्टीमोर/अमेरिकी डाक्टरों ने जान बचाने के अंतिम प्रयास के तहत पहली बार 57 वर्षीय एक मरीज में आनुवंशिक बदलाव के बाद सूअर के दिल का प्रत्यारोपण करके इतिहास रच दिया। वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रही दिल की बीमारी और मानव अंगों की कमी के बीच डाक्टरों के इस अहम व जटिल आपरेशन ने चिकित्सा जगत में संभावनाओं का नया द्वारा खोला है।
एक जटिल आपरेशन के जरिये खोला चिकित्सा जगत में संभावनाओं का नया द्वार
बाल्टीमोर अस्पताल ने सोमवार को बताया कि आपरेशन के तीन दिन हो चुके हैं और मरीज की स्थिति बेहतर है।आपरेशन की सफलता के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन जीवन रक्षक प्रत्यारोपणों में किसी जानवर के अंग के इस्तेमाल को लेकर जारी दशकों पुराने शोध की दिशा में यह एक अहम कदम है। बाल्टीमोर अस्पताल में गत शुक्रवार को सात घंटे तक चले आपरेशन का नेतृत्व डा. बार्टले ग्रिफिथ ने किया।
वह बताते हैं कि मरीज डेविड बेनेट की हालत ऐसी थी कि उनमें मानव हृदय का प्रत्यारोपण नहीं किया जा सकता था। सूअर के दिल के वाल्व का दशकों से मानव में इस्तेमाल किया जाता है और बेनेट भी एक दशक पहले एक ऐसा ही वाल्व लगवा चुके हैं। वर्ष 1984 में एक बच्चे में लंगूर का दिल प्रत्यारोपित किया गया था, लेकिन वह सिर्फ 21 दिन जिंदा रह सका था।
बेनेट के लिए थी करो या मरो की स्थिति
यूनिवर्सिटी आफ मैरीलैंड मेडिकल सेंटर की तरफ से जारी बयान के अनुसार आपरेशन से एक दिन पहले बेनेट ने कहा था, ‘यह प्रत्यारोपण मेरे लिए करो या मरो की स्थिति है। मैं जीना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि यह अंधेरे में तीर चलाने जैसा है, लेकिन मेरे पास यही अंतिम विकल्प है।’
डाक्टर रख रहे पैनी नजर
बेनेट सोमवार को खुद सांस ले पा रहे थे, लेकिन वह अब भी दिल और फेफड़ों से संबंधित मशीनों की मदद ले रहे हैं। डाक्टर सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहे हैं कि उनका दिल किस प्रकार काम कर रहा है। मैरीलैंड यूनीवर्सिटी के पशुओं से मानवों में प्रत्यारोपण कार्यक्रम के वैज्ञानिक निदेशक डा. मुहम्मद मोहिउद्दीन ने कहा, ‘अगर यह आपरेशन सफल रहा, तो मरीजों के लिए जरूरी अंगों की अंतहीन आपूर्ति संभव हो सकेगी।’ अमेरिका में ही करीब 1.10 लाख लोग अंग प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे हैं, जबकि प्रत्यारोपण के अभाव में हर साल छह हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है।
10 जीन एडिटिंग के बाद लगाया गया सूअर का दिल
सीएनएनए के अनुसार, प्रत्यारोपण के पहले डाक्टरों ने सूअर के दिल की जीन-एडिटिंग करते हुए उसकी कोशिका में मौजूद तीन जीन को निकाला, जिनकी वजह से मानव शरीर पशुओं के अंग का प्रत्यारोपण स्वीकार नहीं करता। इसके अलावा, सूअर के दिल की कोशिकाओं के विकास के लिए जिम्मेदार एक जीन को निकाला गया और प्रतिरक्षा को स्वीकार करने वाले छह मानव जीन को लगाया गया।
सूअर के दिल को यूनाइटेड थेरेप्यूटिक्स की सब्सिडरी कंपनी रेविविकोर ने विकसित किया है, जिसके प्रत्यारोपण की अनुमति अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने दी थी। गत वर्ष सितंबर के दौरान न्यूयार्क में एक मृत व्यक्ति में प्रायोगिक तौर पर सूअर की किडनी का प्रत्यारोपण किया गया था। सर्जन डा. बार्टले ग्रिफिथ ने कहा कि यह सर्जरी बेहद महत्वपूर्ण थी। हम मानव अंगों की कमी को दूर करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़े हैं।