Supreme court seeks reply from delhi and chhattisgarh on death from covid and compensation notice to karnataka/नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के चलते हुई मौतों के मामलों में पीडि़त स्वजन को मुआवजा देने में राज्यों की धीमी रफ्तार पर शुक्रवार को नाराजगी जताते हुए महाराष्ट्र, केरल, बंगाल और राजस्थान को फटकार लगाई। साथ ही दिल्ली, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर उनके राज्यों में कोरोना से हुईं कुल मौतों, मुआवजे के लिए आई अर्जियों और मुआवजे के भुगतान पर स्थिति रिपोर्ट मांगी। कोर्ट मामले में 17 जनवरी को फिर सुनवाई करेगा।
न्यायमूर्ति एमआर शाह की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने गौरव बंसल की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये आदेश दिए। इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने कोरोना के चलते मरने वालों के स्वजन को 50,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी। सुप्रीम कोर्ट आजकल मुआवजा दिए जाने के आदेश के अनुपालन पर सुनवाई कर रहा है।
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्र्वर्या भाटी ने कोर्ट में एक सूची दाखिल की, जिसमें कोरोना से मौतों के मामले में विभिन्न राज्यों की स्थिति दर्शाई गई है। इसमें शामिल ज्यादातर राज्य कोर्ट में मौजूद थे और उन्होंने हलफनामा दाखिल कर स्थिति बताई थी, परंतु दिल्ली, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ कोर्ट के समक्ष नहीं थे, जबकि इन राज्यों में कोरोना से बहुत अधिक मौतें हुई हैं।
भाटी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि इन राज्यों को नोटिस जारी किया जाए, ताकि ये अपने यहां की स्थिति और दिए गए मुआवजे का ब्योरा कोर्ट को दें। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए इन तीनों राज्यों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर उनसे राज्यों में कोरोना से हुई कुल मौतों, मुआवजे के लिए प्राप्त आवेदन और दिए गए मुआवजे का ताजा अपडेट दाखिल करने का निर्देश दिया।
कई राज्यों से ली जानकारी
कोर्ट ने राज्यों से इस मामले में जानकारी भी ली। बिहार ने बताया कि वह कोरोना से मौत पर पीडि़तों को 4,50,000 रुपये मुआवजा दे रहा है। कोर्ट ने कहा कि वे यहां राज्य की योजना से अलग प्रत्येक मौत के मामले में 50,000 रुपये मुआवजा देने के मुद्दे पर विचार कर रहे हैं।