सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा राज्य स्तरीय तकनीकी समिति का पुनर्गठन किया गया है। गौरतलब है कि नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने नगरीय विकास के कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से समिति के पुनर्गठन के निर्देश दिये थे।
राज्य स्तरीय तकनीकी समिति के अध्यक्ष प्रमुख अभियंता या मुख्य अभियंता संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास होंगे। समिति के सदस्य सचिव अधीक्षण यंत्री या कार्यपालन यंत्री संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास होंगे। समिति में प्रमुख अभियंता मध्यप्रदेश अर्बन डेव्हलपमेंट कंपनी लिमिटेड अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, परियोजना निदेशक मध्यप्रदेश जल निगम अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, मुख्य अभियंता लोक निर्माण अथवा नामांकित तकनीकी अधिकारी, संबंधित नगरीय निकाय के संभाग के अधीक्षण यंत्री या कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास, संबंधित नगरीय निकाय के आयुक्त या मुख्य नगर पालिका अधिकारी और विशेष आमंत्रित विषय विशेषज्ञ सदस्य होंगे।
समिति के कार्यक्षेत्र में शामिल परियोजनाएँ
राज्य स्तरीय तकनीकी समिति के कार्यक्षेत्र में यूआईडीएसएसएमटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना, राज्य आपदा शमन मद (एसएमडीएफ), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, मुख्यमंत्री शहरी अधो-संरचना विकास योजना और केन्द्र एवं राज्य सहायतित अन्य योजनाएँ जैसा की राज्य शासन द्वारा विहित किया जाए, शामिल होंगी।
राज्य स्तरीय तकनीकी समिति का कार्यक्षेत्र
राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा निविदा प्रपत्र एवं विशिष्ट निविदा शर्तों का अनुमोदन किया जाएगा (स्टेंडर्ड बिड डॉक्यूमेंट में परिवर्तन होने पर)। पाँच करोड़ रूपये या उससे अधिक लागत की परियोजनाओं के प्रतिवेदन का तकनीकी मूल्यांकन, 5 करोड़ या उससे अधिक की निविदा का परीक्षण एवं दरों की अनुशंसा, एक मुश्त निविदा आधारित परियोजनाओं के क्रियान्वयन के समय कार्य की मात्रा में बढ़ोत्तरी अथवा कमी का परीक्षण एवं अनुशंसा, परियोजना क्रियान्वयन से संबंधित तकनीकी एवं अन्य कोई मुद्दे, जो समिति को सौंपे जाएँ और आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा सौंपे गये अन्य तकनीकी विषय समिति के कार्यक्षेत्र में होंगे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने कहा है कि अब 5 करोड़ रूपये से कम लागत के प्रोजेक्ट का अनुमोदन नगरीय निकाय स्तर पर ही हो सकेगा। इससे परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
अनुसूचित जाति वर्ग के बीपीएल हितग्राहियों को बैकयार्ड मुर्गी पालन पर शत प्रतिशत अनुदान
अनुसूचित जाति उपयोजना के लिये विशेष केंद्रीय सहायता मद के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिये आय सृजनात्मक योजना (बैकयार्ड मुर्गी पालन) के लिये अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत चयनित ग्रामों के अनुसूचित जाति वर्ग के बीपीएल हितग्राहियों को बैकयार्ड मुर्गी पालन करने पर 100 प्रतिशत अनुदान से लाभांवित कर पोषण आहार तथा अतिरिक्त आय उपलब्ध कराई जानी है।
योजना के अंतर्गत प्रत्येक हितग्राही को लो इनपुट टेक्नोलॉजी वाले 28 दिवसीय 90 चूजे 2 किश्तों में 6 माह के अंतराल में प्रदाय किए जाने है। चूजों के साथ 40.5 किलोग्राम कुक्कुट आहार तथा दडवा बनाने के लिये 2 हजार 200 रूपये राशि का प्रावधान है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चयनित ग्रामो में प्राथमिकता के अनुसार कार्य किया जाना है। चयनित ग्रामों में हितग्राही नहीं मिलने पर अन्य ग्राम के हितग्राहियों का चयन किया जा सकता है। अनुसूचित जाति वर्ग के बीपीएल हितग्राही योजना से संबंधित जानकारी निकट की पशु चिकित्सा संस्था से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं।