PM Modi will distrubut: digi desk/BHN/ भोपाल/प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज स्वामित्व योजना में मध्य प्रदेश के 19 जिलों के 3000 ग्रामों में एक लाख 71 हजार हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख का वितरण ऑनलाइन माध्यम से किया। प्रधानमंत्री सीहोर, हरदा और डिंडोरी जिले के हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी कर रहे हैं। प्रदेश में 17 सितंबर से सात अक्टूबर तक चलाए जा रहे जनकल्याण और सुराज अभियान में स्वामित्व योजना के राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हरदा जिले से शामिल हो रहे हैं। अन्य जिलों से हितग्राही और जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हैं।
MP: PM मोदी ने किया स्वामित्व योजना के हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख का वितरण, जानिए बड़ी बातें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह शामिल होने के लिए कुछ देर पहले हरदा पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने हैलीपेड पर पौधारोपण किया। इसके बाद वे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं कन्या पूजन कर किया। कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल व व जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और कुंवर विजय शाह भी उनके साथ मौजूद हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कार्यक्रम से वर्चुुअली जुड़े हैं। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात की तस्वीर और जनता की तकदीर बदलने का कार्य किया। विकास, जनकल्याण और सुराज का ऐसा मॉडल दिया जो पूरी दुनिया में छा गया।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने हरदा जिले के हांडिया तहसील के हितग्राही पवन कुमार से संवाद किया। पवन ने प्रधानमंत्री को बताया कि जब से उन्हें संपत्ति कार्ड के जरिये 2 लाख 90 हजार रुपये का लोन प्राप्त हुआ है तब से उनके जीवन में खुशहाली आई है।
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय को वर्चुअली संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों की जो ताकत है, गांव के लोगों की जो जमीन है, जो घर है, उसका उपयोग गांव के लोग अपने विकास के लिए पूरी तरह कर ही नहीं पाते थे। उल्टा, गांव की ज़मीन और गांव के घरों को लेकर विवाद, लड़ाई-झगड़े, अवैध कब्ज़ों में गांव के लोगों की ऊर्जा, समय और पैसा और बर्बाद होता था। अब यह व्यवस्था बदली है। हमने इस कोरोना काल में भी देखा कि कैसे भारत के गांवों ने मिलकर एक लक्ष्य पर काम किया,बहुत सतर्कता के साथ महामारी का मुकाबला किया। बाहर से आए लोगों के लिए रहने के अलग इंतजाम हों, भोजन और काम की व्यवस्था हो, वैक्सीनेशन से जुड़ा काम हो, भारत के गांव बहुत आगे रहे।