Rahu Effects: digi desk/BHN/ ग्रहों का मनुष्यों के जीवन में बहुत प्रभाव करता है। जातकों को अच्छे से लेकर बुरे फल तक प्राप्त होंते हैं। ग्रह जब अपनी राशि बदलते हैं। इससे भी सभी राशियों को असर होता है। इस तरह राहु शुभ ग्रह को खराब कर देता है। इसके प्रभाव से इंसान पागल तक हो जाता है। हालांकि ये निर्भर करता है कि राहू का प्रभाव कितना है। ज्योतिष के अनुसार राहु शोध, कटु भाषण, विदेश, चीजों की कमी, तर्क, झूठ, चालाकी, शक्ति, गरिमा, जुआ, झगड़ा, आत्महत्या, गुलामी, गलत तर्क आदि का प्रतीक है। जबकि केतू अंतिम मुक्ति, कारावास, मोक्ष, आत्महत्या, दोषी व्यक्ति, हत्या, व्यभिचार, जानवर, उपभोग, दर्दनाक बुखार, महान तपस्या, मन की अस्थिरता तथा विदेशी लोगों से संबंध का प्रतीक माना जाता है। राहु और केतू किसी व्यक्ति को किस तरह प्रभावित करेंगे ये उस व्यक्ति की कुंडली पर निर्भर करता है।
कुंडली में जिस स्थान पर पर ये ग्रह बैठे होंगे। जिन भी ग्रहों की दृष्टि इन दोनों पर पड़ रही होगी उसी के अनुसार जातकों के भाग्य पर प्रभाव पड़ेगा। अगर राहु और केतू आपकी कुंडली में सही जगह पर बैठे हों तो ये संबंधित स्थान के प्रभावों को बढ़ा देते हैं, लेकिन इनकी स्थिति विपरीत हुई तो व्यक्ति को सचेत रहना जरूरी है। अगर किसी के कुंडली में राहु दोष है तो मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, गलतफहमी, आपसी तालमेल में कमी, गुस्सा आना, वाणी का कठोर होना और अपशब्द बोल जातक करते हैं। वहीं दुर्घटना, पेट में कोई समस्या, सिर में दर्द होना, भोजन में बाल दिखना, अपयश की प्राप्ति, संबंध खराब होना, दिमागी संतुलन ठीक नहीं रहता है, शत्रुओं की ओर से परेशान आदि कुंडली में राहु के खराब होने के संकेत है।
सकारात्मक प्रभाव
कभी आपने सूना की किसी को अचानक लाटरी निकल गयी, या मकान खोदने पर गढ़ा हुआ धन निकला, या राजनीति मे अचानक ऊँचे पद पर पहुंच गया,या सट्टा बाजार मै करोड़ो कमाए। ये सब राहू जी के ही कार्य है। अब फिर से समझे की ये तय हो गया की राहु राक्षस है, फिर अमृत को चख कर वो बलशाली हो गया। किन्तु उसकी आदत नकारात्मक ही होती है। लेकिन एक नकारात्मक व्यक्ति भी किसी न किसी पर मेहरबान तो होता ही है, एक गुंडा, बदमाश भी किसी को चाहता तो होगा । वैसे ही राहु सबका बुरा करता है , लेकिन जब अपने उच्च घर मिथुन पुरातन काल अनुसार कहना है वृषभ में भी जब विराजमान होते है, कन्या राशि मे होते है, तब बहुत ही सकारात्मक प्रभाव देते है, फर्श से अर्श तक, याने जमीन से आसमान तक पहुचाने का कार्य भी इनका है। राहु के समय परिवर्तन के साथ करोड़ो की सम्पत्ति का मालिक बन जाता है ।