Afghanistan Crisis:digi desk/BHN/ अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही भारत का फोकस वहां अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने पर रहा है। इसके लिए भारत सरकार तमाम उपाय कर रही है और इसमें काफी हद तक कामयाबी भी मिली है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि भारत ने अफगानिस्तान से अब तक 550 लोगों को निकाला है। विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि हमने काबुल या दुशांबे से 6 अलग-अलग उड़ानों के जरिए 550 से अधिक लोगों को निकाला है, जिसमें 260 से अधिक भारतीय थे। इसमें भारत सरकार ने अन्य एजेंसियों की मदद भी ली और उनके विमानों से से भारतीय नागरिकों को निकाला। वैसे उन्होंने माना कि अभी भी कुछ लोगों की अफगानिस्तान में फंसे होने की संभावना है, लेकिन ये कितने हैं, इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं है।
कुछ लोगों को नहीं मिली कामयाबी
अरिंदम बागची ने बताया कि भारत लौटे लोगों में से अधिकांश हिंदू और सिख समुदाय के लोग हैं। उन्होंने कहा कि वापसी के दौरान हमारा ध्यान मुख्य रूप से भारतीय नागरिकों पर था, लेकिन हमने उन अफगानी नागरिकों का भी साथ दिया जो हमारे साथ खड़े रहे। अरिंदम बागची ने कहा कि हम जानते हैं कि 25 अगस्त को अफगान सिख और हिंदू सहित कुछ अफगान नागरिक हवाई अड्डे पर नहीं पहुंच सके, और हमारी उड़ान को उनके बिना ही निकलना पड़ा। लेकिन सरकार कोशिश कर रही है कि जल्द ही उन्हें वहां से बाहर निकाला जा सके।
काबुल धमाकों पर अरिंदम बागची ने कहा कि अभी हम देख रहे हैं कि वहां पर क्या परिस्थिति बन रही है।फिलहाल अफगानिस्तान में स्थिति काफी गंभीर है और जमीनी हालात अनिश्चित बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता लोगों को वहां से बाहर निकालने की है। उन्होंने कहा कि जो संस्था काबुल में सरकार बनाने का दावा करती है उसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। लेकिन हम निश्चित तौर पर एक शांतिप्रिय, समृद्ध और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान चाहते हैं।