अमरकंटक, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमरकण्टक में पुरानी एंबुलेंस मरीजों के लिए आफत बन रही है। जब जरूरत होती है एंबुलेंस चालू नहीं हो पाती तब लोगों को निजी वाहन का सहारा जिले के दूसरे बड़े अस्पतालों में जाने के लिए लेना पड़ रहा है। कई बार गंभीर मरीजों को राजेन्द्रग्राम व अनुपपुर रेफर कर दिया जाता है लेकिन एंबुलेंस नहीं मिल पाती है। अस्पताल में करीब 30 वर्ष पुरानी एंबुलेंस दी गई है जो मरम्मत के अभाव में अक्सर बिगड़ी रहती है। धक्का देकर गाड़ी को स्टार्ट करना पड़ता है। कई बार गाड़ी स्टार्ट भी नहीं होती। खराब एंबुलेंस की वजह से मरीजों को वहां नहीं मिल पाता गंभीर रूप से घायल लोगों को ऐसे समय बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता का ही परिणाम है कि आवश्यक संसाधन रहने के बावजूद इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। कभी- कभी ऐसी नौबत आती है कि रेफर किए जाने पर मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस रास्ते में ही बंद हो जाती है। इस बीच मरीज की जान आ पड़ती है जबकि अस्पताल तक पहुंचने की जल्दी होती है। ऐसे में इस एंबुलेंस से जिंदगी कितनी सुरक्षित है, सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
रविवार को ही रीवा से जो श्रद्धालु आ रहे थे सड़क हादसे के दौरान जब कुछ घायलों को आपात स्थिति में जिला अस्पताल भेजा जाना था तब एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी थी। एंबुलेंस खराब होने की वजह से मरीजों को 108 व पोंड़की अस्पताल से एम्बुलेंस व चंद्राचार्य निजी अस्पताल अमरकंटक से एम्बुलेंस बुलवा कर मरीजों को अनुपपुर जिला अस्पताल भेजा गया। गत कई दिनों से एम्बुलेंस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमरकंटक में खराब खड़ी हुई है जिसका मरम्मत कई बार कराई जा चुकी है पर एंबुलेंस पुरानी व जर्जर हालत में है जिसे बदलना अतिआवश्यक है। अमरकंटक पर्यटक स्थल है और बाहर से सैलानी आते हैं। आपदा या इमरजेंसी की स्थिति में अस्पताल में एंबुलेंस सही स्थिति व चालू हाल में होनी चाहिए ताकि किसी भी एमरजेंसी में इससे काम लिया जा सके।