Parliament Monsoon Session: digi desk/BHN/ मॉनसून सत्र का पहला दिन ही काफी हंगामेदार रहा। विपक्ष के विरोध की वजह से कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उच्च सदन में अपनी मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय नहीं करवा पाए। इसके अलावा संसद के मॉनसून सत्र के पहले ही दिन दोनों सदनों में स्पाईवेयर पेगासस के जरिए जासूसी का मुद्दा उठा, और इस पर विपक्षी दलों ने खूब हंगामा किया। केन्द्रीय मंत्री ने इस पर जवाब देते हुए इसे एक साजिश करार दिया। बाद में हंगामा बढ़ता देख दोनो सदनों को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष का हंगामा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लोकसभा में अपने मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय कराने लगे, तो कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों और अन्य विषयों पर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। उनके संबोधन के बीच भी कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। हंगामे की वजह से सदन की बैठक को दो बार स्थगित करना पड़ा। पहले राज्यसभा की कार्यवाहीअपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लेकिन सदन की कार्यवाही जब 2 बजे शुरू हुई तो विपक्ष ने दोबारा हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही 3:30 बजे तक जबकि राज्यसभा की कार्यवाही 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में दोनों सदनों को अगले दिन 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन में गूंजा पेगासस जासूसी रिपोर्ट का मुद्दा
सदन में पहले ही दिन विपक्ष ने स्पाईवेयर पेगासस के जरिए जासूसी का मुद्दा उठाया। सरकार की तरफ से इस मामले पर बोलते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले इस रिपोर्ट आना कोई संयोग नहीं है। इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट दरअसल भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि जब नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से ही है, तब अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है। उधर कांग्रेस ने इस पूरे मामले में जांच कराए जाने की मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके कई प्रमुख व्यक्तियों एवं पत्रकारों के कथित तौर पर फोन टैप किए जाने के मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।