पन्ना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ भापतपुर कुर्मियान ग्राम पंचायत में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण कैम्प लगा। जिसकी सूचना गांव के चौकीदार के द्वारा मुनादी करके एक दिन पूर्व ग्रामीणों को दी गई। इसके बाद भी दोपहर तक एक भी व्यक्ति जब वैक्सीन लगवाने नहीं आया तो तेज धूप और भीषण गर्मी में ग्राम सचिव और रोजगार सहायक ने घर-घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया और वैक्सीन लगवाने से होने वाले लाभों के बारे में बताया। लेकिन इसके बावजूद भी ग्राम पंचायत का एक भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने नहीं आया। टीम दिन भर इंतजार करने के बाद बैरंग वापस हुई।
चार हजार है आबादी : आखिर कारण क्या है? ऐसी कौन सी अफवाहें हैं जिसके चलते चार हजार की आबादी वाले इतनी बड़ी ग्राम पंचायत में एक भी व्यक्ति वैक्सीन लगवाने नहीं गया है। स्पष्ट जाहिर है कि प्रशासन अफवाहों का खण्डन नहीं कर पा रहा है और अपने कर्मचारियों से जन-जन तक सही संदेश नहीं पहुंचा पा रहा है। एक अकेला सचिव व रोजगार सहायक गांव में जागरूकता पैदा नहीं कर पा रहा है। इसके लिए प्रशासन को सुनिश्चित रणनीति के साथ एक नया कदम उठाना चाहिए।
गांव में 12 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत
कोरोना की जांच ना कराना, सर्दी जुकाम बुखार होने पर झोलाछाप से इलाज कराना और स्वास्थ्य केंद्र में जाने से डरने का यह नतीजा है कि गांव में मई में लगभग 12 से अधिक लोग अपनी जान गवां बैठे। बताया जाता है कि मरने वाले कुछ लोगों में कोरोना जैसे लक्षण भी थे लेकिन इनके स्वजनों द्वारा कोरोना की जांच कराई गई और ना ही समुचित उपचार कराया गया। गांव के लोगों का कहना है कि इतनी मौतें गांव में एक साल में नहीं होती थी जितनी एक माह में हुई है। इतना सब हो जाने के बाद भी अभी भी लोगों में जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है। बताया जाता है कि जब इस गांव में सर्वे टीम पहुंची तब भी लोगों ने सहयोग नहीं किया और घर के लोग बीमार होते हुए भी बता दिया गया कि हमारे यहां कोई बीमार नहीं हैl
कोरोना पाजिटिव के स्वजनों से गांव के लोग करते हैं परहेज
कोरोना की जांच कराना और टीके ना लगवाने के संबंध में जब गांव के लोगों से बात की गई तो उन्होंने अपना नाम न बताने की शर्त में बताया कि जांच कराने के बाद कोई व्यक्ति कोरोना पाजिटिव निकलता है तो लोग उसके स्व जनों से भी दूरी बना लेते हैं और तो और गांव के किराना दुकानदार उनके स्वजनों को सामान नहीं देते। ऐसी स्थिति में जो लोग जांच कराना भी चाहते हैं वह नहीं कराते हैं।