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Rewa:खेती को लाभदायक बनाने के लिए नई तकनीक का उपयोग आवश्यक : कमिश्नर

रीवा,भास्कर हिंदी न्यूज़/ कमिश्नर कार्यालय में आयोजित संभागीय समीक्षा बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने कृषि आदानों की बिन्दुवार समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि कोरोना संकट काल में भी कृषि, उद्यानिकी तथा पशुपालन की गतिविधियां सतत जारी रही हैं। इनसे संभाग के सभी जिलों में रोजगार के अवसर एवं आजीविका के साधन उपलब्ध हो रहे हैं। खेती को अधिक लाभदायक बनाने के लिए किसानों को नई तकनीकों एवं उन्ना्‌ात बीजों के उपयोग के लिये प्रोत्साहित करें। खेती के विकास के लिये विकासखण्डवार कार्ययोजना तैयार करें। कृषि वैज्ञानिकों की सलाह और शोध को किसानों तक पहुंचाने पर ही खेती का विकास होगा। संभाग में कृषि, उद्यानिकी तथा पशुपालन की अपार संभावनाएं हैं।

कमिश्नर ने कहा कि संभाग में गेंहू तथा चने का अच्छा उत्पादन हो रहा है। धान तथा सरसों का उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है। बाणसागर बांध की नहरों एवं उन्नत बीजों की सुविधा से किसान विपुल उत्पादन ले रहे हैं। किसानों को उद्यानिकी फसलों मसाला तथा फूलों की खेती के लिये प्रोत्साहित करें। मुर्गी पालन, मछलीपालन, मधुमक्खी पालन जैसे कम लागत के व्यवसायों से भी किसान अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं। विभागीय योजनाओं के लक्ष्‌यों की शत-प्रतिशत पूर्ति करें। आगामी फसल के लिये किसानों को समय पर खाद एवं अच्छे बीज उपलब्ध करायें। कृषि यंत्रों के वितरण, पाली हाउस निर्माण, प्याज भंडार गृह निर्माण पर भी विशेष ध्यान दें। सब्जी उत्पादन में संभाग प्रदेश में चौथे स्थान पर है। प्रदेश के कुल सब्जी उत्पादन क्षेत्र में से 16 प्रतिशत रीवा संभाग में है। रीवा जिले को एक जिला एक उत्पाद योजना में आम उत्पादन के लिये चुना गया है। आम, आंवला, कटहल, अमरूद, नीबू के पौधरोपण पर विशेष ध्यान दें। इसके लिए विकासखण्ड स्तर पर कार्य योजना तैयार करें।

गौशाला का निर्माण समय-सीमा

बैठक में पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुए कमिश्नर ने कहा कि स्वीकृत गौशालाओं का निर्माण समय-सीमा में पूरा कराए। ऐरा प्रथा संभाग की बड़ी समस्या है। गौशालाओं में उनकी क्षमता के अनुसार शत-प्रतिशत पशुओं को रखने की व्यवस्था करें। कमिश्नर ने पशुओं के टीकाकरण उपचार व्यवस्थाओं, मिल्क रूट बनाने, कृत्रिम गर्भाधान के संबंध में भी निर्देश दिए। कमिश्नर ने मछली पालन विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी मछली पालन योग्य तालाबों में मछली पालन करायें। सतना जिले की प्रगति संतोषजनक नही है। किसानों को नई योजनाओं की जानकारी देकर उनसे लाभान्वित कराए।

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