सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ धार्मिक न्यास और धर्मस्व उप सचिव स्वाति जैन द्वारा जारी आदेशानुसार श्रवण मास में विभिन्न प्रदेशों के श्रद्धालु उत्तराखण्ड राज्य के विभिन्न भागों में कांवड यात्रा पर आते हैं। मानूसन सीजन में एक साथ बड़ी संख्या में कांवड यात्रियों के आवागमन से उनकी सुखद यात्रा के लिए आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करना राज्य सरकार के लिए अत्यंत चुनौती पूर्ण हो जाता है। इस हेतु कांवड यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किये गये है।
कांवड यात्रा के दौरान क्या करें
हरिद्वार आने वाले पैदल कांवड यात्री कांवड पटरी (नहर पटरी) का ही प्रयोग करें। कांवड यात्री अपना पहचान पत्र डीएल, आधार कार्ड साथ रखे। अपना वाहन निर्धारित पार्किंग में ही पार्क करं, अन्यथा एमवी एक्ट के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। अराजक तत्वों से सावधान रहें। वाहन में बैठे कांवड यात्रियों की सूची एवं यात्रा विवरण अपने वाहन में अवश्य लगाये। निर्धारित घाटों पर ही स्नान करें, अन्यत्र स्नान करने पर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।
कांवड यात्रा के दौरान क्या न करें
यात्रा के दौरान अपने साथ हॉकी, बेसबाल, स्टिक, तलवार, नुकीले पत्थर, लाठी, डंडे आदि लेकर न आये। यात्रा के समय मादक पदार्थों का सेवन न करें। कांवड की ऊँचाई 7 फीट से अधिक न रखे। रेलगाड़ी एवं अन्य वाहनों की छतों पर यात्रा न करें। पुलों से छलांग लगाकर स्नान न करें। कांवड में डीजे/लाउडस्पीकर आदि का प्रयोग न करें। संदिग्ध/लावारिस वस्तुओं को न छुयें, इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही फैलायें। प्लास्टिक व प्लास्टिक से बने उत्पादों का प्रयोग न करें। यात्रा के दौरान अपनी मोटर साइकिल का साइलेन्सर उतारकर न चलाये।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रक्षाबंधन और जन्माष्टमी को बैंकों के लिए अवकाश स्वीकृत किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैंकिंग क्षेत्र में कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को 19 अगस्त को रक्षाबंधन एवं 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार पर अवकाश की स्वीकृति प्रदान की है। अवकाश की स्वीकृति निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 25 के अंतर्गत प्रदान की गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव से बैंकिंग संगठनों ने राज्य के अन्य कर्मचारियों की तरह बैंकों के अधिकारी और कर्मचारियों को भी रक्षाबंधन और श्रीकृष्ण जन्माष्टी के त्यौहार मनाने के लिए अवकाश प्रदान करने की मांग की थी।