Employee Working Hour:digi desk/BHN/ 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो रही है और इसी के साथ नए वित्त वर्ष में की नियम कायदों में बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। सबसे बड़ा बदलाव कर्मचारियों के काम के घंटों में होने की संभावना है। मिली जानकारी के मुताबिक नए वित्त वर्ष से working hours 12 घंटे हो सकते हैं। साथ ही कर्मचारियों की ग्रैच्युटी और भविष्य निधि में भी बढ़ोतरी हो सकती है। यहां यह जरूर बता दें कि कर्मचारियों के working hours में बढ़कर भले ही 12 घंटे हो रहे हो लेकिन ऐसी स्थिति में सप्ताह में सिर्फ चार दिन ही काम करना होगा।
1 अप्रैल से लागू हो सकता नया कानून
गौरतलब है कि बीते साल संसद में तीन मजदूरी संहिता विधेयक पारित किए गए थे। इन तीनों कानूनों को अब 1 अप्रैल से लागू किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है कर्मचारियों के हाथ में आने वाला पैसा (Take home salary) कम हो जाएगी। साथ ही इसका असर कर्मचारियों (Employee) और नियोक्ता (Employer) सभी पर होगा। इस नए नियम से निजी कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।
- – वेज (Wage) की नई परिभाषा के तहत अब भत्ते कुल सैलरी के अधिकतम 50 प्रतिशत ही होंगे।
- – आजाद भारत के 73 साल के इतिहास में पहली बार श्रम कानून में बड़ा बदलाव किया गया है।
- – केंद्र सरकार का दावा है कि नए कानून से नियोक्ता और श्रमिक दोनों को फायदा मिलेगा।
- – नए नियमों के मुताबिक अब मूल वेतन कुल वेतन का 50 फीसदी या अधिक होना चाहिए। ऐसा होने पर कर्मचारियों की सैलरी का स्ट्रक्चर में बदलाव आ जाएगा।
- – चूंकि भविष्य निधि मूल वेतन पर आधारित होती है, इसलिए मूल वेतन बढ़ने से पीएफ बढ़ेगा, जिसका मतलब है कि टेक-होम (Take home salary) या हाथ में आने वाले वेतन में कटौती होगी।
- – कर्मचारियों की ग्रैच्युटी और पीएफ में योगदान बढ़ने से रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि में बढ़ोतरी होगी।
- – नए ड्राफ्ट कानून में अधिकतम 12 घंटे तक काम करने का प्रस्ताव पेश किया गया है।
- – नियमों के मुताबिक किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम करने को प्रतिबंधित किया गया है।
- -कर्मचारियों को हर 5 घंटे के बाद 30 मिनट का आराम देने के निर्देश दिए गए हैं।