जल संरचनाओं के संरक्षण के लिये किया गया श्रमदान
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस से जल गंगा संवर्धन अभियान शुरू किया गया। अभियान के तहत जिले भर में परंपरागत जल स्त्रोतों की साफ-सफाई तथा जीर्णोद्धार के कार्य किये गये। गांव-गांव जल कलश यात्राऐं निकाल कर आमजनता को जल संरक्षण और संवर्धन के अभियान से जोड़ने का प्रयास किया गया। अभियान के दौरान तालाबों, स्टाप डैम, पुरानी बावड़ी, कुंओं तथा नदी घाटों की सफाई की गयी। कई नये स्टाप डैमों का निर्माण किया गया। जिले भर में गंगा दशहरा को अभियान का समारोह पूर्वक समापन हुआ। जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन पर जिले भर में कार्यक्रम आयोजित किये गये। प्रत्येक ग्राम पंचायत में मुख्यमंत्री जी के उज्जैन में राज्य स्तरीय समारोह में उद्बोधन का सजीव प्रसारण दिखाया गया। मुख्यमंत्री जी ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में शामिल जिले के लाखों लोगों को जल संरक्षण का संकल्प दिलाया। सभी नगरीय निकायों में भी जल संवर्धन का संकल्प लिया गया।
जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन दिवस पर जिले के जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिये जनभागीदारी से अभियान जारी रहा। अभियान के तहत जनपद पंचायत मैहर अंतर्गत ग्राम सभागंज में तालाब की सफाई के लिये श्रमदान किया गया। सार्वजनिक कूप की रंगाई-पुताई और मरम्तीकरण के कार्य कराकर उपयोगी बनाया गया है। इसी प्रकार रामपुर बघेलान विकासखंड अंतर्गत रामवन के मतहा तालाब में एसडीएम आरएन खरे के नेतृत्व में तालाब गहरीकरण के लिये ग्रामीणजनों ने जनभागीदारी से जल गंगा संवर्धन अभियान को समर्थन दिया। अभियान की कड़ी में ग्राम पंचायत सिंहपुर स्थित पटपरनाथ धाम में भगवान शंकर की पूजा-अर्चना कर कुंड की सफाई का कार्य किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री जी के प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम के प्रसारण को एलईडी स्क्रीन के माध्यम से ग्रामीणजनों के बीच प्रसारित किया गया। जनपद पंचायत सोहावल अंतर्गत ग्राम पंचायत पवैया में कूप की जीर्णोद्धार का कार्य कराया गया। ग्राम पंचायत भैसवार में मकरार नाला पर डी रिंग बंड का निर्माण कराया गया है।
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम सभागंज एवं पथरहटा में तालाब की गई साफ सफाई
मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार जल गंगा संवर्धन अभियान विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से 16 जून तक निरंतर संचालित रहा। अभियान कड़ी में सभागंज के तालाब में सफाई अभियान चलाया गया। साथ ही पथरहटा ग्राम के इंदिरा आवास बस्ती में कुएं का जीर्णोद्धार किया गया। कार्यक्रम में सरपंच राजकुमार कोल, सुजीत शिवहरे, पंचायत इंजीनियर रविंद्र मिश्रा, राजेश साहू, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजनों उपस्थित रहे।
जल गंगा संवर्धन अभियानः गंगा दशहरा पर आल्हा तालाब में की गई आरती
जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन दिवस गंगा दशहरे के अवसर पर कलेक्टर मैहर रानी बाटड, अध्यक्ष नगर पालिका मैहर गीता सोनी ने आल्हा तालाब पर सायंकालीन आरती की। इस अवसर पर वृ़क्षारोपण भी किया गया। इसके साथ ही तालाब के घाट पर मैहरवासियों ने दीपक जलाकर घाट को रोशन किया। स्थानीय कलाकरों द्वारा संगीतमयी प्रस्तुति भी दी गई।
तालाबों से प्राप्त कीचड़, गाद, मिट्टी के विभागीय उपयोग पर रॉयल्टी नहीं लगेगी
परिवहन और जल संवर्धन के निर्देश जारी
प्रदेश के सभी कलेक्टरों को तालाबों के गहरीकरण से प्राप्त कीचड़, गाद, मिट्टी के बिना रॉयल्टी भुगतान के परिवहन-जल संवर्धन के संबंध में निर्देश जारी किये हैं।
खनिज संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने निर्देश में कहा कि विभाग की अनुमति से तालाब, बाँध, नहर, स्टाप-डेम, जल निकाय से कीचड़, गाद, मिट्टी निकाली जाती है। ऐसी निकाली गई कीचड़, गाद, मिट्टी का उपयोग संबंधित शासकीय विभाग द्वारा स्वयं के विभागीय कार्यों में पूर्णतः उपयोग किया जाता है, तो ऐसी कीचड़, गाद, मिट्टी पर कोई रॉयल्टी देय नहीं होगी और ऐसी निकाली गई कीचड़, गाद, मिट्टी के परिवहन के लिये नियमों के अधीन कोई परिवहन अनुज्ञा प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित अथवा संधारित किसी तालाब, स्टॉप-डेम, जल निकाय से कीचड़, गाद, मिट्टी निकाली जाती है और उसका उपयोग ग्राम पंचायत द्वारा स्वयं के विभागीय कार्यों में पूर्णतः किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में कोई रॉयल्टी देय नहीं होगी और न ही परिवहन अनुज्ञा प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि संबंधित शासकीय विभाग या ग्राम पंचायत इसका विक्रय नहीं कर सकेंगे और न ही विक्रय करने की अनुमति किसी को देंगे।
प्रमुख सचिव ने बताया कि जल-स्रोतों से निकाली गई कीचड़, गाद, मिट्टी की स्थानीय ग्रामीणों, ग्राम स्तरीय संगठनों, कृषकों को यदि गैर-व्यवसायिक प्रयोजन के लिये आवश्यकता है, तो उनके आवेदन पर संबंधित विभाग एवं ग्राम पंचायत निःशुल्क कीचड़, गाद, मिट्टी की अनुमति दे सकेंगे और इसके परिवहन के लिये स्थानीय ग्रामीणों के ग्राम स्तरीय संगठनों, कृषकों को न कोई रॉयल्टी देय होगी और परिवहन अनुज्ञा की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रमुख सचिव ने निर्देश में यह स्पष्ट किया है कि ग्राम स्तरीय संगठनों अथवा कृषकों द्वारा कीचड़, गाद, मिट्टी का उपयोग संबंधित शासकीय विभाग अथवा ग्राम पंचायत से अनुमति प्राप्त कर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें भी किसी प्रकार की रॉयल्टी भुगतान अथवा परिवहन अनुज्ञा प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी।