crime news:digi desk/BHN/यूपी पुलिस ने कासगंज में शहीद हुए अपने जवान का बदला ले लिया है। कासगंज केस के मुख्य आरोपी मोती सिंह को पुलिस एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। उस पर एक लाख रुपए का इनाम था। बता दें, 9 फरवरी को कासगंज के थाना सिढ़पुरा के नगला धीमर गांव में अवैध शराब की सूचना मिलने पर पुलिस छापा मारने पहुंची थी, लेकिन आरोपियों को पहले से इसकी भनक लग गई थी। आरोपियों ने सब इंस्पेक्टर अशोक और सिपाही देवेंद्र को बंधक बना लिया और प्रताड़ना दी। हमले में सिपाही की मौत हो गई थी। इसके बाद से मुख्य आरोपी मोतीसिंह की तलाश थी। इससे पहले मोती सिंह का भाई ऐकलार ऐसी ही एक मुठभेड़ में मारा जा चुका है।
ड्रग्स केस में नवाब मलिक के दामाद की जमानत अर्जी खारिज
मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने 200 किलो ड्रग्स बरामदगी से जुड़े मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के दामाद समीर खान की जमानत अर्जी शनिवार को खारिज कर दी। समीर को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था। उस केस में ब्रिटिश नागरिक करण सजनानी समेत तीन और लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सजनानी के घर छापेमारी में ड्रग्स बरामदगी के मामले में समीर खान का नाम सामने आया था।
गुजरात में एनकाउंटर मामले में दो पुलिस कर्मी बरी
अहमदाबाद : सादिक जमाल एनकाउंटर मामले में विशेष सीबीआई कोर्ट ने सुबूतों के अभाव में पूर्व पुलिस उपाधीक्षक तरुण बारोट एवं पुलिसकर्मी छत्रसिंह चूडास्मा को आरोप मुक्त कर दिया है। पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट बारोट और छत्रसिंह मोरी ने खुद को निर्दोष बताते हुए आरोप मुक्त करने की अर्जी लगाई थी। जनवरी 2003 में सादिक जमाल को एक फर्जी एनकाउंटर में अहमदाबाद के नरोडा इलाके में मार गिराया गया था। आरोप था कि वह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने को आया था।