- ऊंची पहुंच से हासिल किया पुलिस प्रोटेक्शन
- ग्वालियर में पूर्व विधायकों सहित 21 की सुरक्षा छिनी
- स्थानीय स्तर पर दी गई थी पुलिस सुरक्षा
Madhya pradesh gwalior police protection obtained from high level security of 21 including former mla snatched in gwalior: digi desk/BHN/ग्वालियर/ ग्वालियर-चंबल अंचल में अब तक हथियार रखना शान समझा जाता था, लेकिन अब रुतबा-रौब गांठने के लिए सरकारी गनर साथ लेकर चलना भी स्टेट्स सिंबल बन चुका है। हाल ही में मप्र हाइकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने महलगांव निवासी दिलीप शर्मा और संजय शर्मा द्वारा पुलिस सुरक्षा के दुरुपयोग को लेकर सख्त कार्रवाई की। इनकी सुरक्षा हटाने से लेकर 2.55 करोड़ रुपये की वसूली के आदेश दिए।
इसके बाद ‘ग्वालियर के ऐसे तथाकथित वीवीआइपी के बारे में पड़ताल की, जिन्हें न तो कोई खतरा था और न ही इनके पास कोई संवैधानिक पद, फिर भी उन्होंने साठगांठ और ऊंची पहुंच से पुलिस सुरक्षा सिर्फ इसलिए ले रखी थी, जिससे समाज में अपना रुतबा बढ़ा सकें। पुलिस सुरक्षा के दुरुपयोग का खुलासा होते ही ग्वालियर से लेकर पुलिस मुख्यालय तक हड़कंप मचा।
21 लोगों की सुरक्षा छिनी
आनन-फानन स्थानीय स्तर पर जिन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई थी, ऐसे 21 लोगों की सुरक्षा छीन ली गई। इसमें पूर्व विधायकों से लेकर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष, कांग्रेस नेता, कारोबारी शामिल थे। अब एडीजी कानून व्यवस्था अंशुमान सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को ऐसे लोगों का आडिट करने के निर्देश दिए हैं, जिन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई है। अगर इन्हें खतरा नहीं है, फिर भी पुलिस सुरक्षा मिली है तो इनकी सुरक्षा हटा ली जाएगी।
इनकी हटी सुरक्षा
पुलिस ने वीवीआइपी पूर्व विधायक प्रवीण पाठक, पूर्व विधायक लाखन सिंह, सिंधिया समर्थक, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य के स्वजन सहित 21 लोगों की सुरक्षा हटाई। जिन्हें स्थानीय स्तर पर पुलिस सुरक्षा दी गई थी, उनकी सुरक्षा तो हटा ली गई, लेकिन अभी पुलिस मुख्यालय के आदेश पर और जिन्होंने सशुल्क सुरक्षा ली है, उनकी सुरक्षा बरकरार है। इनकी सुरक्षा हटाने के लिए खतरे का आडिट किया जा रहा है।