सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ बीते तीन दिनों से समूचा विंध्य क्षेत्र जबर्दस्त शीतलहर की चपेट में है। ऐसे मौसम में लोग कोल्ड स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को जारी की गई एडवाईजरी में सलाह दी है कि इस कड़कड़ाती ठंड में बच्चों पर ध्यान देने की विशेष जरूरत है। जरा सी भी लापरवाही से बच्चे न्यूमोनिया जैसी गंभीर व घातक बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि ठंड के दृष्टिगत शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया के संक्रमण से बचाव के लिये सावधानियों को अपनाना बेहद आवश्यक है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि निमोनिया जानलेवा हो सकता है। निमोनिया के उपचार में देरी बच्चे के लिये खतरनाक हो सकती है। बच्चों में बुखार, खांसी, श्वांस तेज चलना, पसली चलना अथवा पसली धसना निमोनिया के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर बच्चों को निमोनिया से उपचार के लिये तुरंत चिकित्सक अथवा निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में ले जायें।
सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में शिशुओं को निमोनिया से बचाव में बेहद कारगर वैक्सीन पीसीव्ही भी नि:शुल्क उपलब्ध है। अपने शिशुओं को डेढ़ साढ़े तीन एवं 9 माह में निमोनिया से बचाव हेतु पीसीव्ही वैक्सीन की पूर्ण डोज नि:शुल्क अवश्य लगवायें। बच्चों को ठंड से बचाव के लिये अभिभावकों से आग्रह किया है कि बच्चों को दो-तीन परतों में गर्म कपडे पहनायें। ठंडी हवा से बचाव के लिये शिशु के कान को ढंके, तलुओं को ठण्डेपन से बचाव के लिये बच्चों को गर्म मोजे पहनायें। निमोनिया के उपचार के लिये आवश्यक औषधियां अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध हैं। चिकित्सक के परामर्श अनुसार निमोनिया का पूर्ण उपचार आवश्यक रूप से लें और अपने बच्चों को सुरक्षित रखें।