SC on Nupur Sharma: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने नूपुर शर्मा की पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी के लिए विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और सख्त टिप्पणी की। इसके बाद नूपुर शर्मा ने अदालत से अपनी अर्जी वापस ले ली है। लेकिन इसके साथ ही नूपुर शर्मा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। विवादित बयान को लेकर नूपुर शर्मा के खिलाफ 9 ज्यादा राज्यों की अदालतों में मामले दर्ज हैं। नुपुर शर्मा के खिलाफ दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, तेलंगाना, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में धार्मिक भावनाएं भड़काने का मुकदमा दर्ज है। अब उन्हें इन राज्यों में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा और बुलाने पर कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।
विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को एक स्थान पर सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने का अधिकार सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को है। सिर्फ एकमात्र सुप्रीम कोर्ट ही सभी मुकदमों को एक साथ क्लब करके एकसाथ दिल्ली या किसी अन्य राज्य स्थानांतरित करके सुनवाई किये जाने का आदेश दे सकता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इंकार के बाद नूपुर शर्मा के पास कोई चारा नहीं बचा है। उन्हें हर शहर में दर्ज मुकदमे की कार्रवाई का अलग-अलग सामना करना पड़ेगा। इन सभी राज्यों में अलग-अलग जांच चलेगी और उसकी प्रक्रिया में नूपुर को सहयोग करना पड़ेगा।