- पूर्व राज्यमंत्री स्वर्गीय जुगुल किशोर से है खास रिश्ता
- पार्टी से मिला कक्का का उत्तराधिकार, रैगांव के खाते फिर आया ताज
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ रैगांव के चुनावी इतिहास में रिकार्ड मतों से जीत अर्जित करने वाली प्रतिमा बागरी को टीम मोहन में जगह मिलने से कार्यकर्ताओं में बेहद उत्साह है। प्रतिमा बागरी ने अपने उसी प्रतिद्वंदी को परास्त किया, जिसने रैगांव के उप चुनाव में उन्हें हार का स्वाद चखाया था। सोमवार की अल सुबह प्रतिमा बागरी के पास कॉल आई जिसके बाद वे भोपाल के लिए रवाना हो गईं। प्रतिमा बागरी पहली बार विधायक बनीं और उन्हें अब राज्यमंत्री पद से नावाजा गया। इससे पहले इसी सीट से स्वर्गीय जुगुल किशोर बागरी भी राज्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं अब प्रतिमा बागरी को राज्यमंत्री पद मिला है। वैसे प्रतिमा और स्वर्गीय जुगुल किशोर बागरी के बीच खास रिश्ता है। स्वर्गीय जुगुल और प्रतिमा बागरी के बाबा जीवन दास बागरी सगे भाई थे। ऐसे में दोनों के बीच बाबा और नातिन का रिश्ता है।
समाज कार्य में मास्टर्स और एलएलबी की पढ़ाई
प्रतिमा बागरी की स्कूलिंग सतना में हुई। उच्च शिक्षा उन्होंने अवधेश प्रताप सिंह विवि रीवा से प्राप्त की। प्रतिमा ने समाज कार्य में मास्टर्स की डिग्री के साथ ही एलएलबी भी कर रखी है। उनके पिता जय प्रताप बागरी राजनीति में सक्रिय थे एक बार नगर निगम के पार्षद चुने गए। हालांकि उन्हें राजनीति में आगे बढऩे का मौका नहीं मिला। बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहले पार्टी ने उन्हें महामंत्री का महत्वपूर्ण पद सौंपा। इसके बाद जब 2021 में विधायक जुगुल किशोर बागरी का निधन हुआ तब यहां उप चुनाव हुए और टिकट प्रतिमा को मिली। हालांकि पार्टी में आंतरिक विरोध के बाद वे चुनाव हार गईं। 2023 के विधानसभा चुनाव में भी विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन भाजपा नेत्री ने रिकार्ड जीत (36 हजार वोटों से)अर्जित कर सभी के मुंह बंद कर दिए।
हार के बाद भी क्षेत्र में बनाए रखी सक्रियता
आमतौर पर कोई भी नेता चुनाव में मिली हार के बाद कुछ समय के लिए शांत पड़ जाता है, लेकिन उप चुनाव में मिली हार को उन्होंने अपने लिए आशीर्वाद ही माना और लगातार रैगांव क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए अपना स्थान बनाना जारी रखा। लंबे वक्त से भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता के रूप में वे रैगांव विधानसभा सीट पर काफी सक्रिय रहीं हैं। जिसका फायदा इन्हें मिला और यह विधायक बनकर विधानसभा पहुंची। बताया जाता है कि 2017 से लेकर 2020 तक वे महिला मोर्चा में जिला महामंत्री थीं। इसके बाद बीजेपी की जिला कार्यकारिणी में महामंत्री हैं। अब विधायक भी हैं और टीम मोहन में राज्यमंत्री का पद मिला है।
रैगांव को दूसरी बार राज्यमंत्री का ताज
इससे पहले 2003 में रैगांव विधानसभा से चुने गए जुुगुल किशोर बागरी को राज्यमंत्री का प्रभार मिला था। वे जल संसाधन विभाग के राज्यमंत्री रहे। तब प्रदेश में उमा भारती मुख्यमंत्री थी। उन दिनो जुगुल किशोर का नाम शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले से जुड़ा जिसके बाद 2005 में उन्हें पद छोडऩा पड़ा था। फिलहाल यह पद अब उनकी उत्तराधिकारी प्रतिमा बागरी को मिला है। हाल ही में राज्यमंत्री पद की शपथ प्रतिमा बागरी ने ली है फिलहाल विभाग का बंटवारा नहीं हुआ है।