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MP: सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के 70 हजार पद खाली, अतिशेष के बाद अतिथियों की भर्ती

  1. 1275 स्कूल बिना शिक्षक, 6,858 स्कूल एक शिक्षक पर निर्भर
  2. शहरी क्षेत्रों में 28,815 अतिशेष शिक्षक, ग्रामीण स्कूलों में कमी
  3. 1.22 लाख स्कूलों में 1.10 करोड़ छात्र, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुश्किल

भोपाल। प्रदेश में शिक्षकों की कमी से सरकारी स्कूलों में शिक्षा का हाल-बेहाल है। स्कूलों में करीब 70 हजार पद खाली हैं। 1275 स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक ही नहीं हैं। 6,858 स्कूल ऐसे हैं, जो केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। ये ही बच्चों को सभी विषय पढ़ाते हैं। ऐसे में यहां किस गुणवत्ता की शिक्षा दी जा रही होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हर साल शिक्षकों को यहां से वहां किया जाता है। अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाकर उन्हें उन स्कूलों में भेजने का दावा होता है, जहां शिक्षक नहीं हैं। स्थिति यह है कि कुछ जिलों के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, तो शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में 28,815 अतिशेष शिक्षक हैं।

शिक्षकों की कमी के चलते राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षण कार्य संभव ही नहीं हो पा रहा है। यह खुलासा शिक्षा पोर्टल पर अपलोड आंकड़ों से हुआ है। 5 साल में 30 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है, लेकिन वह भी पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में प्रदेश के छात्रों को क्वालिटी की शिक्षा मिलना मुश्किल है। प्रदेश में 1 लाख 22 हजार स्कूलों में 1 करोड़ 10 लाख छात्र पढ़ रहे हैं।

बड़े शहरों के स्कूलों में भी नहीं है शिक्षक

प्रदेश के बड़े शहरों के स्कूल भी शिक्षक विहीन हैं। भोपाल के 7, ग्वालियर के 18, इंदौर के 16 और जबलपुर के 15 स्कूल शामिल हैं। भोपाल के 43 स्कूलों में एक शिक्षक पहली से पांचवीं तक की कक्षाओं में पढ़ा रहे हैं।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ये हैं कमियां

शिक्षक विहीन स्कूलों की संख्या1275
एक शिक्षक के भरोसे स्कूलों की संख्या6858
अतिशेष शिक्षकों की संख्या28,815
स्कूलों में शौचालय बदहाल11,000
स्कूलों में बिजली व्यवस्था नहीं36,000
स्कूलों में खेल मैदान नहीं32,000
स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं1500

इन 10 जिलों के स्कूल शिक्षक विहीन

  1. सिंगरौली- 111
  2. रीवा- 84
  3. शिवपुरी- 76
  4. छतरपुर- 56
  5. विदिशा- 56
  6. सतना- 52
  7. सागर- 43
  8. सीहोर- 40
  9. खंडवा- 40
  10. दमोह- 37

इन 10 जिलों के स्कूल में एक शिक्षक

  1. शिवपुरी- 420
  2. सतना- 413
  3. रीवा- 409
  4. विदिशा- 351
  5. सिंगरौली- 281
  6. देवास- 273
  7. सागर- 271
  8. राजगढ़- 244
  9. मंदसौर- 213
  10. छतरपुर- 202

अतिशेष शहरी क्षेत्रों में भोपाल सबसे अधिक है। शहर में 1036 अतिशेष शिक्षक हैं। उसके बाद ग्वालियर- 1038, इंदौर- 1131, सागर- 1145, सतना- 1094, जबलपुर- 700, भिंड- 929, बालाघाट- 925, देवास- 801, रीवा- 965, राजगढ़- 948 और भिंड- 929 का नाम आता है।

शिक्षकों की स्थिति

प्राथमिक शिक्षकों की संख्या-1.40 लाख, प्राथमिक शिक्षकों के खाली पद- 20 हजार, माध्यमिक शिक्षकों की संख्या -61 हजार, माध्यमिक शिक्षकों के खाली पद-50 हजार

अतिथि शिक्षकों को मिलेगा मौका

डॉ संजय गोयल, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग ने कहा कि जिन जिलों के स्कूल शिक्षक विहीन या एक शिक्षक हैं, वहां पर अतिशेष शिक्षकों को भेजा जाएगा। उसके बाद खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों को रखा जाएगा।

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