- 18 सितंबर, बुधवार से होगी पितृपक्ष की शुरुआत
- इस बार पितृपक्ष अत्यंत शुभ संयोग में हो रहे शुरू
- हर दिन तर्पण करने से मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति
इंदौर। बुधवार 18 सितंबर से पितृपक्ष शुरू होने जा रहे हैं। पदम् योग के साथ शुरू हो रहे पितृपक्ष में 13 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है कि सूर्य कन्या राशि में पहले दिन से आखरी तक रहेगा। इन दिनों किए गए तर्पण से पूर्वज पूरी तरह से तृप्त हो सकेंगे।
बता दें कि पितृ पक्ष के 16 दिन पितरों को समर्पित होते हैं। इस दौरान उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण किया जाता है। यह कार्य घरों में भी होता है, लेकिन पवित्रों नदियों के घाटों पर भी लोग यह कर्मकांड करते हैं।
शुभ संयोग में शुरू हो रहा पितृपक्ष
- मध्य प्रदेश में विदिशा के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय पुरोहित ने बताया कि इस बार पितृपक्ष अत्यंत ही शुभ संयोग में शुरू हो रहे हैं। किसी भी तरह का पितृ दोष हो, यदि इन दिनों हर दिन व्यक्ति तर्पण करेगा तो उसे पितृ दोषों से मुक्ति मिल जाएगी।
- उन्होंने बताया कि सुबह सूर्योदय के साथ तर्पण करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है। यह तर्पण अमृत के समान माना गया है। इसके एक प्रहर बाद दूध, इसके बाद पानी और दोपहर में 12 बजे के बाद तर्पण करने से कोई फल नहीं मिलता।
- उन्होंने बताया कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पितृ जिस लोक में भी होते हैं, वह मृत्युलोक में आ जाते हैं और अपने स्वजनों से तर्पण की अपेक्षा रखते हैं। जिस घर में इन दिनों श्राद्ध कर्म होते हैं, तर्पण होते हैं उन्हें वह खूब शुभाशीष देते हैं।
नि:शुल्क भी कराए जाते हैं तर्पण
विभिन्न शहरों में अलग-अलग स्थानों पर नि:शुल्क तर्पण की व्यवस्था भी की गई है। विदिशा में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा श्राद्ध पक्ष के दौरान सामूहिक श्राद्ध तर्पण पिंडदान नि:शुल्क कराए जाएंगे। जिला मीडिया प्रभारी संयोग श्रीवास्तव ने बताया कि 18 से दो अक्टूबर तक दोनों जगह सुबह साढ़े सात से नौ बजे तक तर्पण कराया जाएगा।