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Satna: वाटर वीमेन की ‘राम वन गमन’ पदयात्रा सतना पहुंची


अयोध्या के सरयू घाट से रामेश्वरम तक 4 हजार किमी का सफर तय करेंगी शिप्रा पाठक


सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ अयोध्या के सरयू घाट से रामेश्वरम के लिए निकली राम वन गमन पद यात्रा बुधवार को सतना पहुंची। देश के अलग-अलग राज्यों से हो कर गुजरने वाली लगभग 4 हजार किमी लंबी इस पदयात्रा के जरिये वाटर वीमेन शिप्रा पाठक भगवान राम के जीवन संदेश के साथ ही जल के प्रति जागरूकता का अभियान भी लोगों तक पहुंचा रही हैं। वाटर वीमेन के नाम से विख्यात शिप्रा पाठक की 4 हजार किलो मीटर लंबी राम जानकी वन गमन पद यात्रा भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट का भी भ्रमण करते हुए बुधवार की शाम सतना पहुंची। पदयात्रा सतना के मुख्य बाजार से रेलवे स्टेशन होते हुए मैहर की ओर रवाना हुई। मानवाधिकार सुरक्षा महिला संगठन की महिलाओं ने अपने कार्यालय में शिप्रा का स्वागत किया। इससे पहले भी कई महिला संगठनों ने जगह जगह रोककर वाटर वीमेन को मिष्ठान खिलाकर श्रद्धापूर्वक नगर से विदा किया। शिप्रा की राम जानकी वन गमन पद यात्रा सतना से प्रारंभ होकर गुरुवार को मैहर पहुंचेगी। यह पद यात्रा अयोध्या के सरयू घाट से शुरू होकर रामेश्वरम के सागर तक जायेगी इसीलिए भारत में इस यात्रा को सरयू से सागर के नाम से भी जाना जा रहा है।
महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण माता-सीता का जीवन
मातृ शक्ति को संबोधित करते हुए वाटर वीमेन ने कहा कि जिस महिला सशक्तिकरण की हम लोग आज बात करते हैं माता जानकी ने उसे रामायण युग में ही दिखा दिया। आज माता जानकी के चरित्र को हमारी युवा पीढ़ी रावण के हरण तक और एक पतिव्रता महिला तक ही जानती है इससे अधिक जानने की कोशिश नही करती। उन्होंने माता जानकी के बारे में बताते हुए कहा कि बिना पिता के संरक्षण के लव कुश को दिए गए संस्कार तथा पूरे समाज से लड़कर धैर्यपूर्वक अपने स्वाभिमान की रक्षा कर उन्होंने अपना जीवन व्यतीत किया। उन्होंने कभी यह परवाह नहीं की कि संसार क्या कहेगा बल्कि अपने कर्तव्य पथ पर चलती रही।
पद चिन्ह पर पैदल चल पड़ी हैं
मानवाधिकार सुरक्षा महिला संगठन की जिला अध्यक्ष गीता सिंह ने अपनी पूरी टीम के साथ वाटर वीमेन शिप्रा पाठक का स्वागत करते हुए कहा कितना सुंदर दृश्य है एक तरफ भव्य राम मंदिर बन रहा है वहीं दूसरी ओर भगवान राम का नाम लेकर हमारी मातृ शक्ति शिप्रा पाठक राम जानकी के पद चिन्ह पर पैदल चल पड़ी है। उन्होंने कहा शिप्रा उन लोगों के लिए एक उदाहरण है जो कहते है महिला पुरुष के बराबर कार्य नही कर सकती। उन्होंने कहा आज का भारत नव निर्माण की ओर अग्रसर है जिसमें शिप्रा पाठक जैसे लोग अकेले इतनी बड़ी पद यात्रा करने निकल पड़े हैं। महिला संगठन की जिला सचिव रचना अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या से रामेश्वरम तक की यात्रा में महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे प्रदेशों से पैदल चलने का संकल्प लेना कोई आसान बात नहीं है। इस दौरान काव्य कुंज महिला ब्राह्मण संगठन के पदाधिकारियों ने भी शाल ओढ़ाकर वाटर वीमेन का स्वागत किया।
इनके संयोजन में निकली यात्रा
इस दौरान स्वागत करने वालों में मुख्य रूप से गीता सिंह, मीनाक्षी नेमा, बिंदु श्रीवास्तव, रचना शर्मा, दीपा नेमा, रोमी शर्मा, सुधा तिवारी, अर्चना तिवारी शामिल रहे। पदयात्रा शिव प्रकाश द्विवेदी के संयोजन में निकाली गई।

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