सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले के खेतों की सिंचाई के लिए शुरू हुए बरगी नहर प्रोजेक्ट पर फिर संकट के बादल मडऱाते नजर आ रहे हैं। उपलब्ध जल से ही कुछ नई परियाजनाओं की आहट आ रही है इन परिस्थितियों में सतना, रीवा और मैहर को पानी मिलेगा इस पर संशय खड़ा हो चुका है। बरगी का पानी सतना पहुंचने में वैसे भी दो दशक की देरी हो चुकी है और अब नई परियोजना इसके पूर्ण विराम का संकेत दे रही हैं। ऐसे में नागौद क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं बरगी नहर के पानी की सतना में उम्मीद जगाने वाले रामप्रताप सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर पानी पर डकैती पडऩे की बात कही। उन्होंने कहा कि सतना जिले के जनप्रतिनधियों की खामोशी और सरकारों के उपेक्षापूर्ण रवैया देखकर बड़ी पीड़ा हो रही है। हर बार नया प्रोजेक्ट लगाकर सतना के हिस्से का जल दूसरों को बांट दिया जा रहा है। इससे एक दिन ऐसा आऐगा जब प्रोजेक्ट पूरा होने का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।
उल्लेखनीय है कि नर्मदा का पानी सतना के खेतों तक लाने के लिए बरगी नहर परियोजना की आधार शिला रखी गई थी। 5200 करोड़ रुपए की लागत से नर्मदा दाईं तट नहर को मंजूरी मिली। जिससे सतना, मैहर और रीवा के लगभग 6 लाख 85 हजार हेक्टेयर खेतों में सिंचाई की जानी थी। इसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 1100 किलोमीटर की टनल बनाई जानी थी। आज यह टनल का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। जबकि बरगी बांध से पानी के लिए ढीमरखेड़ा का प्रोजेक्ट शुरू हुआ जहां से 13 हजार हेक्टेयर खेती की सिंचाई होगी। इसके अलावा 31 हजार हेक्टेयर सिंचाई के लिए एक दूसरा प्रोजेक्ट टेंडर की कतार में है इस प्रोजेक्ट का टेंडर एनआईटी नंबर 31521715 है जिसकी लागत 984 करोड़ से अधिक है । 21 नवंबर तक इसके टेंडर डाले जा चुके हैं। इन प्रोजेक्टों के अलावा भी कुछ काम चल रहे हैं जिनके पूरे होने पर सतना जिले के विशेषकर नागौद क्षेत्र के कई गांव बरगी का पानी पाने से बंचित हो जाएंगे।
फिर हो सकता है बड़ा आंदोलन
नर्मदा जल लाओ संघर्ष समिति की अगुवाई कर रहे पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह ने इस मामले को लेकर कहा कि अगर बरगी का पानी चाहिए तो सभी को अपने हक की आवाज उठानी पड़ेगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा कर क्षेत्र के हजारों किसानों के खेतों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाए अन्यथा एक बार फिर आंदोलन शुरू होगा।
ठेकेदार को बताया क्लेम मास्टर
बरगी नजर परियोजना के ठेकेदार को आड़े हाथ लेते हुए पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह ने कहा कि वह क्लेम मास्टर है। उन्होंने कहा कि जब प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली उसके बाद ठेकेदार ने बड़ी चतुराई से ठेका प्राप्त किया और 200 करोड़ एडवांस प्राप्त कर लिए। 2011 में प्रोजेक्ट पूरा होना था, लेकिन काम ही शुरू नहीं हुआ। इसके बाद भी मशीनरी के नाम पर हुए खर्च की राशि वसूल की गई। पूर्व विधायक ने इस दौरान कांग्रेस और बीजेपी सरकार की भी आलोचना की। साथ ही अधिकारियों पर मिलीभगत कर प्रोजेक्ट तैयार करने का आरोप लगाया।