- करीब 84 लाख रुपये की अनुपातहीन संपत्ति के मामले में कोर्ट ने पटवारी को सजा सुनाई है
- तराना में पदस्थ पटवारी बाबूलाल गोमर के इंदिरा नगर स्थित घर पर लोकायुक्त ने मारा था छापा
- 11 साल कोर्ट में चले मामले के बाद बुधवार को विशेष न्यायालय इंदौर ने पटवारी को सजा सुनाई
Madhya pradesh ujjain crime news patwari sentenced to four years in disproportionate assets case fined rs 26 lakh 50 thousand: digi desk/BHN/उज्जैन/ आय से अधिक संपत्ति के 11 साल पुराने मामले में बुधवार को कोर्ट ने पटवारी को चार साल की सजा व 26.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। पटवारी के पास लोकायुक्त के छापे के दौरान एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिली थी, जबकि उसका कुल वेतन करीब 15 लाख रुपये था। करीब 84 लाख रुपये की अनुपातहीन संपत्ति मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है।
जिले के तराना में पदस्थ पटवारी बाबूलाल गोमर के इंदिरा नगर स्थित घर पर लोकायुक्त ने मार्च 2012 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापा मारा था। छापे के दौरान लोकायुक्त को पटवारी के यहां 8.66 लाख् रुपये के सोने-चांदी के जेवरात, 35 बीघा कृषि भूमि, तीन दोपहिया वाहन सहित 1.01 करोड़ रुपये की संपत्ति के बारे में जानकारी मिली थी। वहीं, पटवारी की कुल आय करीब 15 लाख रुपये थी। करीब 84 लाख रुपये की अनुपातहीन संपत्ति पाई गई थी। 11 साल कोर्ट में चले मामले के बाद बुधवार को विशेष न्यायालय इंदौर के पीठासीन अधिकारी विशेष न्यायाधीश ओमप्रकाश रजक की कोर्ट ने पटवारी को चार साल कैद व 26.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
पड़ोसी के यहां रखे थे जेवरात व कागजात
पटवारी बाबूलाल ने लोकायुक्त से बचने के लिए छापे से करीब एक माह पूर्व ही अपने पड़ोसी रामचंद्र के यहां पांच लाख रुपये कीमत के जेवरात, जमीन के कागजात रखे थे। रामचंद्र के यहां चोरी हो गई थी। इसमें चोर सारा सामान चुरा ले गए थे। बाद में पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर माल बरामद कर लिया था। उस दौरान खुलासा हुआ था कि पटवारी ने पड़ाेसी के यहां जेवरात व कागजात रखे थे। इसके बाद से ही लोकायुक्त पटवारी की जांच कर रही थी। पुख्ता सबूत के बाद पटवारी के घर छापा मारा गया था।