फिलहाल अध्यक्ष विहीन हो गई नगर परिषद, दो वार्ड भी हुए खाली
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ विधानसभा चुनाव की बढ़ती सरगर्मी के बीच भाजपा को बड़ा झटका लगा है। अमरपाटन की अदालत ने मैहर की रामनगर नगर परिषद की अध्यक्ष सुनीता पटेल और उनके पार्षद पति रामसुशील पटेल का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया है। राम सुशील रिश्ते में अमरपाटन से भाजपा के प्रत्याशी और राज्यमंत्री राम खेलावन पटेल के साढ़ू भाई हैं। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अमरपाटन दीपक शर्मा की अदालत ने रामनगर नगर परिषद की अध्यक्ष एवं वार्ड नंबर 2 की पार्षद सुनीता राम सुशील पटेल एवं उनके पति वार्ड नंबर 13 के पार्षद राम सुशील पटेल का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया है। दोनो के निर्वाचन को अलग-अलग याचिकाओं के जरिये अदालत में याचिकाकर्ता रामभुवन पटेल एवं प्रतिमा गुप्ता ने चुनौती दी थी। अदालत ने दोनों ही याचिकाओं पर बुधवार को एक ही दिन फैसला सुनाते हुए सुनीता और राम सुशील का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया। अदालत के इस आदेश के बाद रामनगर नगर परिषद फिलहाल अध्यक्ष विहीन हो गई है और उसके दो वार्ड खाली हो गए हैं।
नामांकन पत्र में तथ्य छिपाने का आरोप
याचिकाकतार्ओं ने राम सुशील और सुनीता पटेल पर नगरीय निकाय के चुनाव के दौरान दाखिल नामांकन पत्र में तथ्य छिपाने का आरोप लगाया था। रामभुवन ने अदालत को बताया था कि रामसुशील के विरुद्ध वर्ष 2016 में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने प्रकरण दर्ज कर 3 लाख 9 हजार 350 रुपए की राशि वसूली योग्य पाई थी। वर्ष 2018 में रामसुशील के विरुद्ध पीएम आवास योजना में अपात्रों को लाभ देने के मामले में 2 करोड़ 69 लाख रुपए के गबन का आरोप जांच में प्रमाणित पाया गया था। इस मामले में उसके खिलाफ रामनगर थाना में मुकदमा भी दर्ज हुआ था।
फर्जी तरीके से मुआवजा किया था अर्जित
इसके अलावा अंधियारी सागर बांध के निर्माण के दौरान भी अपात्र होने के बावजूद रामसुशील ने फर्जी तरीके से 8 लाख 27 हजार 496 रुपए मुआवजा शासन से प्राप्त किया था। इस राशि की वसूली के लिए कलेक्टर सतना ने कई नोटिसें भी दीं और कुर्की का आदेश भी दिया था। लेकिन रामसुशील ने अपने नामांकन और शपथ पत्र में इन घोटालों, मुकदमों और वसूली योग्य बकाया राशियों का उल्लेख नहीं किया।
पत्नी ने भी छिपाई जानकारी
वार्ड नंबर 2 से पार्षद पद का चुनाव जीतकर नगर परिषद रामनगर की अध्यक्ष बनीं रामसुशील की पत्नी सुनीता पटेल के विरुद्ध दायर चुनाव याचिका में याचिकाकर्ता प्रतिमा गुप्ता ने आरोप लगाया था कि सुनीता ने भी अपने नामांकन पत्र और शपथ पत्र में तथ्य छिपाए। उनके पति के ऊपर मुकदमे लंबित थे। उन्हें पीएम आवास योजना में गबन का दोषी पाया गया था और फर्जी तरीके से वसूला गया मुआवजा वसूली का नोटिस भी दिया गया था। चुनाव प्रक्रिया के दौरान राम सुशील और सुनीता पटेल के नामांकन पत्रों पर आपत्ति भी जताई गई थी, लेकिन रिटर्निंग अफसर ने तथ्यों पर ध्यान नहीं दिया और संतोषजनक निराकरण नहीं करते हुए दोनों के नामांकन स्वीकार कर लिए थे।
Tags #court #courtnews #mp #mpnews #mpvindhyanews #satna #satnanews #vindhya #vindhyanews #vindhyanewsmp
Check Also
Shahdol: ट्रेफिक पुलिस आरक्षक से लूट, अनूपपुर से ट्रैफिक ड्यूटी कर घर लौटते समय मारपीट, वायरलेस सेट भी ले गए
शहडोल। शहडोल जिले के अमलाई थाना के बटुरा क्षेत्र में एक पुलिस आरक्षक के साथ …