स्नेह यात्रा ने रामनगर के गांवों में दिया समरसता का संदेश
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ सतना जिले में समरसता भाईचारा और आपसी सौहार्द के संदेश को लेकर निकली आध्यात्मिक यात्रा चित्रकूट के प्रमुख संत स्वामी रामहृदय दास जी की अगुवाई में चौथे दिन रामनगर विकासखण्ड के जिगना से प्रारंभ होकर विभिन्न ग्रामों में भ्रमण करती हुए मैहर में समाप्त हुई।
संतों की प्रेरणा से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने संपूर्ण मध्यप्रदेश के 51 जिलों में इसने यात्रा का आयोजन प्रारंभ किया जिससे सामाजिक सौहार्द्र को बढ़ाते हुए समाज में भेदभाव को मिटाया जाए तथा समरसता बढ़ाई जाए जिससे प्रदेश में आनंदमई एकजुटता एवं भाईचारे के साथ सद्भावना का विकास हो सके एक थाल एक ख्याल की भावना को लेकर संतों की अगुवाई में स्नेह यात्रा गांव गांव पहुंचकर वंचित वर्ग के साथ संवाद के माध्यम से भारतीय गौरवमई सांस्कृतिक धरोहर एवं समरसता के आध्यात्मिक प्रसंगों के माध्यम से विभिन्न जाति वर्गों एवं संप्रदाय के बीच सद्भावना को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।
स्नेह यात्रा के अगले पड़ाव में यात्रा जिगना, छिरहाई, गुलवार गुजारा, नौगांव नंबर 4, सौगौनी, गोविंदपुर, कर्रा, देवराज नगर, रामनगर, गोरसारी में यात्रा का फूलों और ढोल के साथ जगह-जगह बस्तियों में स्वागत हुआ। ग्राम भ्रमण के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा कीर्तन किया गया। संत श्री रामहृदय दास महाराज ने सभी को संबोधित करते हुए कहा की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जो खुद जनता से स्नेह करते हैं। उनके समर्थन से संत आपके बीच पहुंच पा रहे हैं। इसलिए मैं सभी की तरफ से उनको धन्यवाद देते हुए उनसे यह आशा करूंगा की एक करुणामई राजा की तरह आप सदैव जन कल्याणकारी कार्यों को आगे बढ़ाएं। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा की वर्तमान समय मोबाइल की बीमारी से ग्रसित है कुछ अर्थों में मोबाइल की तकनीकी समाज के लिए उपयोगी है। परंतु बहुत से ऐसे कारक हैं जिससे मोबाइल स्वयं के साथ संपूर्ण समाज के लिए आत्मघाती साबित हो रहा है। विदेशी ताकते भारतीय संस्कृति और उसके समाज को तोड़ना चाहते है। हमारी वैभवमई संस्कृति संपूर्ण विश्व के शुभ की कामना करने वाली है। सनातन संस्कृति को दूषित करने के लिए कई प्रकार के प्रपंच रचे जाते है। लेकिन वह यह नहीं जानते हैं कि यह देश राम, कृष्ण, कबीर, रविदास, मीरा का है जब जब देश में ऐसी दुर्जनकारी षड्यंत्र किए गए हैं तब तक यहां की जनता जनार्दन ने संतो के नेतृत्व में उन सभी को मुंह तोड़ जवाब दिया है। भारत के गांव-गांव में बसने वाला प्रत्येक नागरिक जो आपसी सामंजस्य, सद्भाव, प्रेम और भाईचारे के साथ जीवन यापन करता रहा है, उसने अपनी परंपरा वैभव को सदैव मूल्यवान माना है और उसकी रक्षा के लिए उसके पूर्वजों ने अपने प्राणों तक की परवाह नही की अपना सर्वस्व बलिदान कर अपने धर्म और स्वाभिमान की रक्षा की है। आज भी हम सब को प्रतिज्ञा लेनी होगी कि सदैव भाईचारे और समरस समाज के साथ रहते हुए अपने गांव, अपने परिवार, के साथ साथ अपने देश के लिए सदैव कार्य करते रहेंगे। अपने कर्मों से अपना उज्जवल भविष्य रचते हुए देश को विश्व के शिखर पटल पर सर्वाेच्च गौरव दिलाएंगे। संबोधन के उपरांत सभी ग्रामों में प्रसाद वितरण के बाद कार्यक्रम में समरसता भोज आयोजन कर सभी सर्वहारा वर्गों को एक साथ मिलजुल कर सर्वाेच्च किया गया। तथा संकीर्तन के माध्यम से सामाजिक सद्भाव एकता और भाईचारे का संदेश दिया गया।
जब संत अचानक पहुंचे आदिवासी गांव में सुनीता पाल के घर
यात्रा के दौरान संत श्री राम हृदय दास महाराज जी ने जब रास्ते पर गोरसरी पहाड़ के नीचे वंचित वर्ग की एक महिला को अपने बच्चे के साथ अपने घर के सामने कलश लिए हुए देखा तो उन्होंने तुरंत गाड़ी रुकवा कर उस परिवार से मिलने के लिए उतर गए और उसके घर की ओर चल दिए। अपने घर पर पूज्यनीय संत को पाकर उसका परिवार हर्षित हो गया। पूज्यनीय संत की आरती उतारकर सुनीता पाल ने हर्षित भाव से स्वागत किया। पूजनीय संत ने घर के सभी लोगों से परिचय प्राप्त कर उन्हें सुखमय एवं मंगलकारी जीवन का आशीर्वाद देते हुए परिवार को प्रसाद प्रदान किया और आगे अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ गए। सुनीता ने अपने भाव व्यक्त करते हुए संत श्री राम हृदय दास जी महाराज के समक्ष अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि मेरे गरीब की कुटी में आकर आपने मेरा जीवन धन्य कर दिया। मेरे इस आयु में आज तक इस पहाड़ी दूरवर्ती आदिवासी ग्राम में कभी भी कोई संत नहीं आया। पर मुझे उम्मीद भी न थी कि आप मेरे गांव आएंगे। पर भगवान की ऐसी कृपा हुई की स्वयं आप मेरे कुटिया में पधारे मेरा पूरा परिवार गदगद है। आपका आशीर्वाद और कृपा मेरे पूरे समाज और गांव को मिले जिससे हम सभी प्रश्न और आनंदमय जीवन व्यतीत कर सके।
आज मैहर विकासखंड में प्रवेश करेगी स्नेह यात्रा
आज मैहर विकासखंड बेरमा, चंदवारा, इटमा, धतूरा, खैरा, पौड़ी, नकतरा, हरदुआ कला, कुटाई का भ्रमण करेगी। जहां पर पूजनीय संत का भ्रमण एवं संवाद किया जाएगा।