धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम केस में जिले का पहला फैसला
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रथम अपर सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अनुराग द्विवेदी की अदालत ने धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा, 3 व 5 के मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया। जिले का यह पहला मामला है जिसमें आरोपी को सजा सुनाई गई। अदालत ने आरोपी तौफीक खान पिता वहीद खान निवासी इंदिरा कॉलोनी टीकमगढ़ को तीन साल की सजा और एक लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।
दरअसल सतना जिले के कोलगवां थाना में वर्ष 2021 में अपराध क्रमांक 1437 दर्ज किया गया था। जिसमें पीडि़ता ने आरोपी पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने का आरोप लगाया था। पीडि़ता के परिवार की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी तौफीक खान के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा, 3 व 5 का केस दर्ज किया था। पीडित पक्ष की ओर से दिए गए बयान में बताया गया कि आरोपी ने लड़की पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाते हुए जिंदा जलाने और शादी नहीं होने देने की धमकी दी थी। फाइनल ईयर की छात्रा को मुस्लिम धर्म अपनाने पर विदेशों की सैर तथा जन्नत व अच्छा घर दिलाने का झांसा दिया गया। हालांकि लड़की ने उसका प्रस्ताव मंजूर नहीं किया था।
लोक अभियोजक/ शासकीय अधिवक्ता रमेश मिश्र ने बताया फरियादिया सतना की रहने वाली है। उसकी पुत्री को आरोपी घर पहुंचकर धर्म बदलने का प्रलोभन दिया करता था। जिसके संबंध में कोलगवां पुलिस के द्वारा चालान पेश किया गया। इस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया और आरोपी को सजा सुनाते हुए जुर्माना भी लगाया। मामले में एजीपी केपी विश्वकर्मा, सहित अनुराग सिंह चौहान,मुरारी सोंधीया, सुरेश गुप्ता ने पैरवी की है।