Kark sankranti 2023 sawan somwar second monday chanting surya mantra will increase prestige: digi desk/BHN/इंदौर/ सावन का दूसरा सोमवार विशेष योग वाला रहेगा। इस दिन सूर्य मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसके बाद भास्कर उत्तरायण से दक्षिणायन हो जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कर्क संक्रांति भगवान शिव पूजा के लिए खास मानी जाती है। सूरज की स्थिति बदलने से अब दिन छोटे और रात लंबी होने लगेंगी।
क्यों खास है यह सोमवार
सावन महीने में कर्क संक्रांति पर पूजा-अर्चना से कई गुना फल प्राप्त होता है। कर्क चंद्रमा की राशि है। चंद्र को स्वयं शिवजी का स्वरूप माना गया है। सूर्य से चंद्रमा के बीच में दूरियां होने के बावजूद यह अवधि रवि की विशेष अनुकूलता वाली होती है। कर्क संक्रांति में की गई पूजा फलदायी होती है। दोनों ग्रहों की शुभता का प्रभाव जातक पर पड़ता है।
कर्क संक्रांति का स्वरूप
संक्रांति बैल पर सवार होकर आ रही है। संक्रांति का स्वरूप है कि वह हाथ में तलवार और मिट्टी के पात्र में घी का भक्षण कर रही है। इस संक्रांति का असर अन्न, धन हानि और शिशु रोग के लक्षण के रूप में नजर आएगा।
कर्क संक्रांति में सूर्य की पूजा
प्रातः स्नान कर ऊँ सूर्याय नमः मंत्र से सूर्य को अर्घ्य दें। 108 बार मंत्र का जाप करें। मनोकामना की पूर्ति हेतु प्रार्थना करें।