सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ प्रभु श्रीराम की पावन धरा चित्रकूट में अव्यवस्था को लेकर नाराज चल रहे विरक्त संत मंडल ने शनिवार को कामद गिरि परिक्रमा पथ पर बैठ कर धरना दिया और शासन-प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाया।
चित्रकूट के मठ-मंदिरों में रहने वाले संतो के विरक्त मंडल ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों के समर्थन में शनिवार को कामद गिरि परिक्रमा पथ पर स्थित पूर्वी मुखारबिंद के पास बैठकर धरना दिया। संतो ने चित्रकूट में पूर्वी मुखारबिंद की व्यवस्था संचालन के लिए प्रशासनिक समिति बनाए जाने पर भारी असंतोष व्यक्त करते हुए प्रशासन से इस समिति को तत्काल भंग करने की मांग की।
संतो ने कहा कि यहां महंतों और पुजारियों के तालमेल से व्यवस्था संचालन का प्रबंध करने के बजाय ऐसे निर्णय लेकर प्रशासन मठ-मंदिरों के विवाद बढ़ रहा है। चित्रकूट क्षेत्र में तमाम स्थानों पर अवैध वसूली हो रही है, आस्थावानों को शुल्क के नाम पर परेशान किया जा रहा है। विकास के नाम पर चल रहे प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार हो रहा है और मंदाकिनी नदी तथा मठ-मंदिरों की जमीनों पर अतिक्रमण किए जा रहे हैं। लेकिन प्रशासन का ध्यान इन समस्याओं और मसलों पर नहीं हैं।
विरक्त संत मंडल ने मांग उठाई कि मंदाकिनी पर जल संसाधन विभाग द्वारा बनाई जा रही दीवार का काम रोका जाए और इस पवित्र नदी को स्वच्छ बनाया जाए। अवैध वसूली और सीवर लाइन प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार रोका जाए। चित्रकूट के चौराहों का सौंदर्यीकरण किया जाए, गौ सेवा केंद्र बनाए जाएं। धर्म नगरी में शराब की बिक्री प्रतिबंधित की जाए और प्रोजेक्ट्स की निगरानी के लिए जन निगरानी समिति बनाई जाए।
धरने के दौरान एसडीएम मझगवां जितेंद्र वर्मा एवं एसडीओपी आशीष जैन संतो के बीच पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारी संतो से चर्चा कर भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर शीघ्र निर्णय लिए जाएंगे।