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Satna: आयुष्मान कार्ड बन जाने से वैशाली को मिली इलाज के खर्चे से मुक्ति

(खुशियों की दास्तां)



    सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना असहाय और निर्धन वर्ग के मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना के तहत पात्र हितग्राही किसी भी सरकारी या प्राइवेट हास्पिटल में पांच लाख रूपये तक का निःशुल्क इलाज करा सकते हैं। सतना जिले के मुख्त्यारगंज में रहने वाली वैशाली शुक्ला का भी आयुष्मान कार्ड बन गया है। आयुष्मान कार्ड पाकर वैशाली खुश है। वे कहती है कि पहले बीमार होने पर इलाज के लिए पैसे के अभाव में मरीज के साथ-साथ पूरा परिवार परेशान रहता था। लेकिन आयुष्मान कार्ड के बन जाने से बीमारी में होने वाले खर्चे से मुक्ति मिल गई है। वैशाली शुक्ला ने आयुष्मान भारत योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है।  
       श्रीमती वैशाली शुक्ला ने बताया कि मध्यमवर्गीय परिवार से होने के कारण बड़ी मुश्किल से घर खर्च और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्चा पूरा हो पाता है। ऐसे में वे स्वयं या परिवार का अन्य कोई सदस्य बीमार हो गया तो समस्या और बढ़ जाती है। लेकिन सरकार की आयुष्मान भारत योजना ने हमें सहारा दिया। अब हमारे परिवार के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड  बन गया है। भगवान न करे घर में अगर कोई बीमार पड़ा तो हमें उसके इलाज में आने वाले खर्चे की चिन्ता नहीं रहेगी। अब हम जिले या जिले के बाहर किसी भी बड़ी हास्पिटल में अपने मरीज का इलाज निःशुल्क करा सकेंगे।  


बीमारी के इलाज में होने वाले खर्चे से पप्पी कुशवाहा को मिला छुटकारा

भारत सरकार की आयुष्मान भारत निरामयम योजना से जुड़कर जिले के हितग्राहियों को बीमारी के इलाज में होने वाले महंगे खर्चे से छुटकारा मिल गया है। सतना शहर के मुख्त्यारगंज में रहने वाली पप्पी कुशवाहा भी इन्हीं हितग्राहियों में शामिल है। योजना के तहत पप्पी कुशवाहा अब पांच लाख रूपये तक का अपना निःशुल्क इलाज किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी अस्पताल में करा सकती हैं। वे कहती है कि आयुष्मान कार्ड बन जाने से बीमारी में होने वाले खर्चे से मुक्ति मिल गई है। पप्पी कुशवाहा ने आयुष्मान भारत योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है।  
       श्रीमती पप्पी कुशवाहा ने बताया कि मेहनत मजदूरी से परिवार का भरण-पोषण करने तथा बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च उठाने के बाद हाथ में फूटी कौड़ी नहीं बचती थीं। ऐसे में अगर कोई बड़ी बीमारी आ गई तो परिवार के ऊपर पहाड़ टूट पड़ता था। पैसे न होने से सरकारी अस्पताल में ही मरीज का इलाज कराना पड़ता था। लेकिन अब आयुष्मान कार्ड बन जोने हमें बीमारी के इलाज की चिन्ता से मुक्ति मिल गई है। अब हम अपना या अपने परिवार का इलाज किसी भी बड़ी अस्पताल में करवा सकेंगे।

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