जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक संपन्न
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को आधारकार्ड अपडेशन के संबंध में जिला स्तरीय आधार निगरानी समिति की द्वितीय बैठक अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह द्वारा आधार से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई एवं जिले में आधार अपडेशन के सुचारू संचालन हेतु आवश्यक सुझाव भी दिये गये। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, लीड बैंक ऑफिसर, अधीक्षक-मुख्य डाकघर, जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस, सीएससी मैनेजर, UIDAI द्वारा नामित प्रतिनिधि निकेत दीवान (राज्य परियोजना प्रबंधक) एवं राहुल परमार उपस्थित रहे।
बैठक में श्री दीवान ने बताया कि भारत सरकार एवं यूआईडीएआई द्वारा जारी गाईड लाईनों के अनुसार सभी नागरिकों को जिनके आधार कार्ड बने हुए 10 वर्ष पूर्ण हो चुके है, उनको अपने आधार कार्ड में अपना पते का प्रमाण (पीओए) एवं पहचान का प्रमाण (पीओआई) अपडेट कराना आवश्यक है। उन्होने बताया कि विगत 10 वर्षों के दौरान आधार नम्बर व्यक्ति की पहचान के प्रमाण के रूप में उभरा है। आधार नम्बर का उपयोग विभिन्न सरकारी योजनओं एवं सेवाओं का लाभ उठाने के लिए किया जा रहा है। इन योजनाओं एवं सेवाओं का लाभ उठाने के लिए सर्वसाधारण को व्यक्तिगत नवीनतम विवरण से आधार डाटा को अपडेट रखना है ताकि आधार प्रमाणीकरण/सत्यापन में असुविधा न हो। ऐसे व्यक्ति जिन्होने अपना आधार 10 वर्ष पूर्व बनवाया था एवं इसके बाद 10 सालों में कभी अपडेट भी नहीं करवाया है, ऐसे आधार नंबर धारकों को डॉक्यूमेंट अपडेट करवाना जरूरी होगा। बैठक में बताया गया कि 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों का भी आधार अवश्य बनवायें। यूआईडीएआई टीम के द्वारा आधार ऑपरेटरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
विधानसभा निर्वाचन की तैयारी बैठक 30 जून को
विधानसभा निर्वाचन 2023 को दृष्टिगत रखते हुए निर्वाचन की तैयारी संबंधी 30 जून को प्रातः 11 बजे से कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित की गई है। बैठक में समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, समस्त अनुविभागीय अधिकारी पुलिस एवं तहसीलदारों, समस्त नायब तहसीलदार एवं थाना प्रभारी बैठक में उपस्थित रहेंगे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग वर्मा द्वारा समस्त अधिकारियों को बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिये गये हैं।
थाई मांगुर मछलियों का विक्रय प्रतिबंधित
थाई मांगुर मछली एवं बिगहेड मछलियों का पालन एवं बेचना दोनों अपराध की श्रेणी में आते हैं। मांगुर मत्स्य बीज के आयात, परिवहन पर भी पूर्णतः रोक हैं। सहायक संचालक मत्स्योद्योग अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि मांगुर मछली मांसाहारी प्रवृत्ति की है यह स्थानीय मछलियों को क्षति पहुंचाती है। जलाशय एवं तालाब के जलीय पर्यावरण एवं जन स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने बताया कि थाई मांगुर मछली सड़ा-गला मांस का भक्षण करती है जिससे आसपास का वातावरण दूषित होता है एवं जल प्रदूषित होता है। थाई मांगुर में हैवी मैटल पाया जाता है जिसके सेवन से मनुष्य में हृदय रोग, डायबिटीज, आर्थराइटिस के अलावा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि थाई मांगुर मछली का पालन प्राकृतिक जलीय संपदा एवं पर्यावरण के लिए अत्यंत घातक है। थाई मांगुर मछली जेनेटिक रोगों की वाहक मानी जाती है। उन्होंने बताया कि थाई मांगुर मछली का पालन विक्रय आयात, निर्यात को शासन द्वारा पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। इसके विनिष्टिकरण की कार्यवाही के आदेश दिये गये हैं। जिस विक्रेता के पास थाई मांगुर मछली पायी जायेगी। विनिष्टिकरण की कार्यवाही में होने वाले व्यय की राशि की भरपायी संबंधित मत्स्य विक्रेता से वसूली जायेगी।
181 से अनेक दस्तावेज भी प्राप्त करने की सुविधा
मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत दी जाने वाली निःशुल्क सेवाएं में मध्यप्रदेश के नागरिक सीएम हेल्पलाइन 181 पर एक कॉल के माध्यम से मूल निवासी व आय-प्रमाणपत्र और खसरा, खतौनी बी-1, एवं नक्शा की नकल अप्रमाणित प्रति निःशुल्क अपने व्हॉटसएप नम्बर पर तत्काल प्राप्त कर सकते है। मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान के तहत सेवा मात्र 10 रूपये में उपलब्ध कराई जा सकती है।
लोकसेवा केन्द्र, एमपी ऑनलाइन, एमपी भू-लेख के माध्यम से ली जाने वाली सेवाएँ, खसरा, खतौनी बी-1, नक्शा की प्रमाणित प्रति एवं भू-अधिकार पुस्तिका के लिए 30 रूपये प्रथम पृष्ठ व अतिरिक्त पृष्ठ 15 रूपये के स्थान पर सीएम हेल्पलाइन 181 पर कॉल कर मात्र 10 रूपये प्रति पृष्ठ घर बैठे प्राप्त कर सकते है। इन कार्याे के लिए कोई दस्तावेज देना नहीं होगा। स्थानीय निवास प्रमाण-पत्र व आय प्रमाण-पत्र के लिए मोबाइल नम्बर का अधार से लिंक होना अनिवार्य है। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के तहत हितलाभ एवं स्वीकृति-पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में समारोह आयोजित कर जन-सेवा अभियान के स्वीकृति-पत्र तथा अभियान में शामिल 38 योजनाओं का हितलाभ संबंधित हितग्राहियों को प्रदान किया जाए।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना श्रमिक महिलाओं के लिए लाभप्रद
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना मजदूरी करने वाली गर्भवती महिलाओं को मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई है। मातृ वंदना योजना में मजदूरी करने वाली गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने की वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और उनकों नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन पोषण के प्रभाव को कम करना है। योजना के लाभ की राशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाती है।
योजना में गर्भवती महिलाओं को पहली किस्त के रूप में एक हजार रूपए पंजीकरण के समय दी जाती है। दूसरी किस्त दो हजार रूपए 6 माह की गर्भवास्था के बाद और तीसरी किस्त बच्चे का जन्म के बाद इस प्रकार कुल 5 हजार रूपए की आर्थिक सहायता गर्भवती महिलाओं को दी जाती है। बच्चें को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस-बी सहित टीके निःशुल्क लगाए जाते हैं।