Tiger Reserve: BHN/ पन्ना टाइगर रिजर्व में एक युवा बाघिन को जीपीएस सेटेलाइट कॉलर लगाया गया। क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने सोमवार को बताया कि भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञ इस बाघिन के विचरण क्षेत्र व गतिविधियों का अध्ययन करेंगे। उपसंचालक पन्ना टाइगर रिजर्व जरांडे ईश्वर रामहरि ने बताया कि दो वर्ष दो माह की आयु वाली युवा बाघिन पी-213 (63) को अमानगंज बफर में कॉलर लगाया गया। पन्नाा में पहली बार किसी बाघिन को ऑटोड्रॉप जीपीएस सेटेलाइट कॉलर लगाया गया है। इसकी खासियत यह है कि विशेषज्ञ देश के किसी भी हिस्से में इस बाघिन के विचरण व गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे।
14 बाघों को रेडियो कॉलर लगाने की अनुमति
क्षेत्र संचालक ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत भारत सरकार ने पन्ना लैंड स्केप के प्रबंधन के लिए 14 बाघों को सेटेलाइट रेडियो कॉलर करने की अनुमति प्रदान की है। वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि बाघिन पूरी तरह स्वस्थ है। कॉलर पहनाने की प्रक्रिया आधे घंटे तक चली। इसके बाद बाघिन को जंगल में छोड़ दिया गया।
यह होगा फायदा
- -मानव-बाघ द्वंद, बफर क्षेत्र में विचरण, बार-बार टेरेटरी बदलने, कॉरीडोर में विचरण आदि की जानकारी मिलेगी।
- -बाघिन पन्ना लैंडस्केप में जहां कहीं भी विचरण करेगी, उसकी जानकारी मिलती रहेगी।
- -जीपीएस सेटेलाइट कॉलर को कभी भी सेटेलाइट से निष्क्रिय किया जा सकता है।