somvati amavsya chitrkoot:BHN/ धार्मिक नगरी चित्रकूट में मौनी सोमवती अमावस्या के दिन सोमवार को मप्र व उप्र सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु हजारों की संख्या में पहुंचे। भक्तों ने चित्रकूट धाम पहुंचकर मंदाकिनी में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस दौरान जय श्रीराम के नारों के साथ श्रद्धालुओं ने भगवान कामतानाथ के दर्शन कर कामदगिरी की परिक्रमा की जो देखते ही बनती थी। श्रद्धालुओं ने मत्यगयेंद्र नाथ मंदिर में जलाभिषेक भी किया। परिक्रमा में पुरुषों की तुलना में महिला श्रद्धालुओं की अधिक संख्या देखी गई। अर्धरात्रि से ही श्रद्धालुओं के जत्थों का धर्म नगरी पहुंचना प्रारंभ हो गया था। इन लोगों ने मंदाकिनी नदी में स्नान कर भगवान शिव का जलाभिषेक रात में ही करना शुरू कर दिया। यह सिलसिला देर रात तक अनवरत जारी रहा। सोमवती अमावस्या पर नदी में स्नान का बड़ा महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन नदी में स्नान कर दानपुण्य करने से मनुष्य के सभी पाप समाप्त होते हैं। मंदाकिनी में स्नान करने का श्रद्धालुओं का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। घाटों पर साधु-संतों के आश्रम, धर्मशालाओं में श्रद्धालुओं ने डेरा जमाए रखा। सबसे ज्यादा श्रद्धालु चित्रकूट, रामघाट, भरतघाट आदि प्रमुख घाटों में मंदाकिनी में स्नान के लिए भारी संख्या में उमड़े।
कोरोना के कारण कम रही भीड़
सोमवती अमावस्या का मुख्य स्नान सोमवार को रहा, लेकिन रविवार से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला धर्मनगरी चित्रकूट में शुरू हो गया था। सोमवती अमावस्या पर वैसे तो प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचते हैं और मंदाकिनी में डुबकी लगाते हैं लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण चित्रकूट पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। लाखों की अपेक्षा हजारों की संख्या में ही श्रद्धालु स्नान व दर्शन के लिए पहुंचे। जगह-जगह कोरोना से सुरक्षा के उपाय बरते निर्देश भी दिए जा रहे थे। पूरे चित्रकूट धाम को इस रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। इसी तरह चित्रकूट से लगे हनुमान धारा, सती अनुसुईया, गुप्त गोदावरी सहित अन्य तीर्थ स्थल होने के कारण श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ रही।