National commission of inquiry constituted under former chief justice ajai lamba to probe incidents of violence in manipur: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ केंद्र सरकार ने मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इसके अन्य दो सदस्यों में पूर्व आईएएस हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस आलोक प्रभाकर शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आपको बता दें कि गुरुवार को ही गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में घोषणा की थी। उन्होंने आशंका जताई थी कि हिंसा भड़काने की कोशिश किसी साजिश का भी हिस्सा हो सकती है।
हालात में सुधार
मणिपुर में कई दिनों की हिंसा और कर्फ्यू के बाद हालात में सुधार दिख रहे हैं। शनिवार को मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि राज्य में शांति लौट रही है और सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। पिछले 24 घंटे में मणिपुर में फायरिंग और आगजनी की कोई घटना नहीं हुई है। इसके अलावा, असम राइफल्स सहित संयुक्त सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटों में कई अभियानों में 35 हथियार और 88 बम बरामद किए हैं।
अमित शाह का दौरा
गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद हिंसा में काफी कमी आई है। उन्होंने राज्य के विभिन्न हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके की अध्यक्षता में एक शांति समिति के गठन और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे के साथ ही राहत और पुनर्वास पैकेज की घोषणा की थी। शाह ने हिंसा के लिए मणिपुर उच्च न्यायालय की ओर से ‘जल्दबाजी’ में लिए गए फैसले को दोषी ठहराया और कहा, ‘हिंसा एक अस्थायी चरण था, गलतफहमियां दूर हो जाएंगी, स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।’