सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित राज्य खेल पुरस्कार एकलव्य, विक्रम, विश्वामित्र, स्व. प्रभाष जोशी एवं लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार 2023 के लिये ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए है। इच्छुक खिलाड़ी 1 जून से 31 जुलाई के मध्य ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकते है।
राज्य खेल पुरस्कार खेल और युवा कल्याण विभाग के नवीन पुरस्कार नियम 2021 के अनुसार विगत 5 वर्षों एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2023 में अर्जित खेल उपलब्धियों के आधार पर प्रदान किए जाएंगे। समुद्र, जमीन एवं वायु आधारित साहसिक खेल के खिलाड़ी भी विक्रम एवं एकलव्य पुरस्कार के लिये आवेदन कर सकते है।
राज्य पुरस्कारों के लिए आवेदक विभागीय वेबसाइट पर दी गई लिंक से अथवा anudan.dsywmp.gov.in तथा प्लेस्टोर से डाउनलोड कर भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। आवेदन करने के बाद आवेदन की प्रति जिस पर पंजीयन क्रमांक अंकित हो, के साथ खेल प्रमाण-पत्र एवं अन्य अभिलेख की छायाप्रति संबंधित जिले के जिला खेल और युवा कल्याण कार्यालय अथवा संचालनालय खेल और युवा कल्याण टी.टी. नगर स्टेडियम, भोपाल में 31 जुलाई 2023 तक जमा कराना अनिवार्य होगा।
उल्लेखनीय है कि सर्वाेच्च राज्य खेल पुरस्कार एकलव्य में 15 खिलाड़ियों को एक-एक लाख रूपये, विक्रम पुरस्कार 12 खिलाड़ियों को 2-2 लाख रूपये, विश्वमित्र पुरस्कार में तीन प्रशिक्षकों को 2-2 लाख रूपये, मलखंब खेल के लिये दिए जाने वाले स्व. प्रभाष जोशी पुरस्कार के लिये 2 लाख रूपये तथा लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड के लिये 2 लाख रूपये का पुरस्कार निर्धारित है।
डीएलएड पाठ्यक्रम के लिए पंजीयन का आज आखिरी दिन
शासकीय जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान एवं अशासकीय महाविद्यालयों में डीएलएड पाठयक्रम सत्र 2023-24 में प्रवेश के लिए आवेदकों का आनलाईन पंजीयन प्रक्रिया 29 मई तक चलेगी। प्रवेश प्रक्रिया एमपी आनलाईन के माध्यम से होगी। जो भी अभ्यर्थी डीएलएड में प्रवेश लेना चाहते है। उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन एमपी आनलाईन पर करना होगा।
सिकलसेल एनीमिया संबंधी गाइड लाइन जारी
सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित बच्चों का विशेष ध्यान रखा जाये। ऐसे बच्चों को अच्छा और सकारात्मक वातावरण दिया जाये। इनके माता-पिता आवश्यक रूप से अपनी जाँच करवायें। सिकलसेल पीड़ित व्यक्ति नियमित रूप से व्यायाम करें और तेलीय पदार्थों का प्रयोग न करें। बीमारी की गंभीरता को समझा जाये तथा पीड़ित व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखते हुए उनकी समय पर जाँच एवं उपचार किया जाये। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सलाह का पालन किया जाना चाहिए। एनीमिया मुक्त भारत और एनीमिया से बचाव के तरीके स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवायजरी के तहत अपनाएं। सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित व्यक्ति की रक्त कणिकाएँ हँसिए के आकार की होती हैं। इस कारण से बीमारी को सिकलसेल कहा जाता है।
जनजातीय समुदाय में यह बीमारी अधिक होती है। इसके बचाव के समस्त उपाय किये जाने चाहिये। विवाह से पहले वर एवं कन्या, दोनों के खून की जाँच कराई जानी चाहिये। गर्भवती महिला की जाँच एवं प्रसव के 72 घंटे के अंदर शिशु के रक्त की भी जाँच अनिवार्य रूप से कराई जाये। सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित पुरूष एवं सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित स्त्री का विवाह नहीं कराया जाना चाहिये। सामान्य पुरूष अथवा सामान्य महिला, पीड़ित पुरूष अथवा महिला से विवाह कर सकते हैं। बच्चों को नियमित रूप से आँगनवाड़ी केन्द्र भेजे तथा उनकी स्वास्थ्य जाँच करवाने और दिव्यांग बच्चों की विशेष देख-भाल की जाना चाहिए।