Madhya pradesh ujjain heavy rain with storm many idols of mahakal lok fell: digi desk/BHN/उज्जैन/रविवार शाम अचानक आई तेज आंधी व वर्षा से शहर में जनजीवन अस्त व्यवस्त हो गया। महाकाल महालोक में सप्तऋषि की सात में से छह मूर्तियां गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं। अन्य मूर्तियों को भी नुकसान पहुंचा है। श्रद्धालु समीप नहीं थे, इस कारण हादसा टल गया। महाकाल महालोक में कुल 127 मूर्तियां लगाई गई हैं।
महाकाल मंदिर के समीप ही बरगद का पेड़ गिरा
महाकाल मंदिर के समीप ही विशाल बरगद का पेड़ गिरने से दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के दो घंटे बाद भी राहत बचाव दल मौके पर नहीं पहुंचा था। महाकाल मंदिर के अतिरिक्त शहर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पेड़ गिरे। घरों की चद्दरें उड़ गई। सुबह सांदीपनि आश्रम के सामने पेड़ गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हुई। अंचल के नागदा आदि क्षेत्रों में भी आंधी से खासा नुकसान हुआ है।
दोपहर बाद अचानक बदला मौसम
नवतपे के चौथे दिन रविवार को दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और गरजचमक के साथ तेज आंधी चलने लगी। हवा की गति इतनी तेज थी कि चंद मिनटों से सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए। महाकाल मंदिर, देवास रोड, दशहरा मैदान,फ्रीगंज, खाकचौक, हिरामिल की चाल आदि क्षेत्रों में कई पेड़ उखड़कर गिर गए। कई की बड़ी-बड़ी डालियां टूटकर जमीन पर आ गिरी। हालांकि कहीं से भी किसी जनहानि की सूचना नहीं मिली। फिर भी लोगों को अर्थिक नुकसान हुआ है।
गुणवत्ता पर उठ रहे थे सवाल
प्रदेश सरकार ने करीब 800 करोड़ रुपये की लागत से श्री महाकाल महालोक का निर्माण कराया था। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महालोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद से देशभर से हजारों भक्त प्रतिदिन इसे निहारने पहुंच रहे हैं। महालोक का निर्माण हुआ था इसके बाद से मूर्तियों की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे। रविवार तेज आंधी ने इसकी गुणवत्ता की पोल खोल दी है। उल्लेखनीय है कि महालोक में शिव लीला का दर्शन कराती अनेक मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
महालोक में 127 मूर्तियां
महाकाल महालोक में भगवान शिव एवं अन्य देवी-देवताओं की 127 से अधिक विशाल मूर्तियां स्थापित की गई थीं। 40 मूर्तियां लाल पत्थर एवं शेष फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से निर्मित हैं। इनकी ऊंचाई 9 से 25 फीट हैं। प्रतिमाओं का निर्माण उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी से अनुबंधित गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म ने किया है।
जानकारी के अनुसार हवा का जोर इतना तेज था कि महाकाल लोक में लगी अनेक मूर्तियां उखड़कर जमीन पर गिर गई। बताया जाता है कि जिस समय आंधी और बारिश का दौर आरंभ हुआ बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक में मौजूद थे। कुछ श्रद्धालु बाल-बाल बच गए।
आंधी और बारिश के कारण शहर का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। उल्लेखनीय है कि रविवार का दिन होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल दर्शन और महाकाल लोक देखने के लिए उज्जैन पहुंचे हैं।
वैसे भी इन दिनों देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का उज्जैन आने का सिलसिला जारी है। श्रद्धालु महाकाल अभिषेक और दर्शन के साथ ही महाकाल लोक का नजारा देखने पहुंच रहे हैं।
अब श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद किया
अधिकारियों के अनुसार मूर्तियों की स्थिति सुधारने तक फिलहाल श्रद्धालुओं का महाकाल महालोक में प्रवेश बंद कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि महालोक में दस से 25 फीट ऊंची मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से निर्मित की गई हैं।
इनका कहना है
तेज आंधी आने के कारण मूर्तियां पेडस्टल से नीचे गिरी हैं। लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी इन मूर्तियाें की लाइफ 10 साल है। पत्थर की मूर्तियां बनने में समय लगेगा। फिलहाल कंपनी को ही इनका रखरखाव करना है। क्रेन की मदद से मूर्तियों को दोबारा लगवाया जाएगा। घटना के लिए जिम्मेदारी तय कर एक्शन लिया जाएगा। फिलहाल मूर्तियों को पुर्नस्थापित करने के लिए महाकाल लोक को बंद किया गया है।
– कुमार पुरुषोत्तम, कलेक्टर
सामान्य से काफी तेज हवा चलने से फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक की मूर्तियां अपने पेडस्टल से गिरी हैं। कुछ मूर्तियां क्षतिग्रस्त भी हुई हैं। फिलहाल सभी को एकत्र कर सुरक्षित स्थल पर रखवाया जा रहा है। काम गुणवत्ता से हुआ या नहीं, ठेकेदार की गलती है या नहीं यह बाद में देखा जाएगा।
– रोशन कुमार सिंह, कार्यकारी निदेशक, उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी