सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले में सहकारी समितियों का पंजीयन अब केवल ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा। ऑनलाइन प्रक्रिया से समितियों का पंजीयन करवाने के लिए संबंधित व्यक्तियों को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। उपायुक्त सहकारिता ने बताया कि समितियों के पंजीयन के लिए विभागीय ऑनलाईन पोर्टल पर जाकर 21 व्यक्ति मिलकर सहकारी समिति का गठन कर सकते हैं। पोर्टल पर नवीन संस्था का आवेदन करने के लिए उल्लेखित लिंक पर जाकर स्वयं एमपी ऑनलाईन नागरिक सुविधा केन्द्र के माध्यम से आवेदन कर सकता है।
आवेदक को पोर्टल पर अपना लॉग इन क्रिएट करना होगा। लॉग इन क्रिएट करने के लिए आधार से लिंक मोबाईल नंबर प्रविष्टि कर ओटीपी सत्यापन होगा। प्रस्तावित संस्था की जानकारी एवं प्रथम आवेदन की जानकारी भरकर पासवर्ड निर्मित करेगा। तत्पश्चात आवेदक का लॉगिन निर्मित हो जायेगा। अंशपूंजी का मूल्य दर्ज करके प्रस्तावित सदस्यों के फोटो एवं हस्ताक्षर अपलोड कर तदर्थ कमेटी नामांकित कर दस्तावेज अपलोड कर अंशों का मूल्य एवं सदस्यता प्रवेश शुल्क का ऑनलाईन भुगतान करेगा। आधार नंबर से वर्चुएल आईडी जनरेट होगा और आवेदक का ई-साईन कर आवेदन ऑनलाईन जमा करना होगा। विभाग द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर अधिकतम 45 दिवस के भीतर आवेदन पर कार्यवाही की जायेगी। कुछ कमियां होने पर पोर्टल पर दर्ज किया जायेगा। जिसकी सूचना एसएमएस से दी जायेगी। पंजीयन पोर्टल पर आवेदन मान्य होने पर पोर्टल से ही पंजीयन प्रमाण-पत्र जनरेट होगा जिसमें डिजिटल हस्ताक्षर रहेंगे।
विद्यार्थियों के लिये चिकित्सा शिक्षा प्रवेश में 5 प्रतिशत सीट आरक्षित
चिकित्सा शिक्षा नियम में संशोधन जारी
राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018 में संशोधन किया है। संशोधन के अनुसार अब शासकीय विद्यालय के विद्यार्थी को सभी शासकीय एवं निजी महाविद्यालय में एमबीबीएस एवं बीडीएस के लिये स्वीकृत कुल सीट्स में से 5 प्रतिशत सीट्स आरक्षित की गई हैं। महिला अभ्यर्थी को सभी महाविद्यालयों में सभी पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत आरक्षण, दिव्यांग अभ्यर्थी को सभी महाविद्यालयों में सभी पाठ्यक्रम में 5 प्रतिशत तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अभ्यर्थी और सैनिक अभ्यर्थी को केवल शासकीय महाविद्यालय में एमबीबीएस एवं बीडीएस के लिये कुल सीट्स का 3-3 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
संशोधन अनुसार प्रवर्ग को स्पष्ट करते हुए बताया गया है कि इसमें महिला, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सैनिक, दिव्यांग, अनिवासी भारतीय प्रवर्ग एवं शासकीय विद्यालय के विद्यार्थी शामिल हैं। इसी प्रकार जोड़े गये उप-नियम अनुसार शासकीय विद्यालय से अभिप्रेत है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित शासकीय विद्यालय। शासकीय विद्यालय के विद्यार्थियों में ऐसे विद्यार्थी, जिन्होंने शासकीय विद्यालय में कक्षा-6वीं से 12वीं तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की हो अथवा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के माध्यम से प्रवेश के आधार पर कक्षा-1 से 8 तक निजी विद्यालयों में अध्ययन करने के बाद शासकीय विद्यालय में कक्षा-9वीं से 12वीं तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की हो, को शामिल किया गया है। संशोधन नियमानुसार स्नातक पाठ्यक्रम (एमबीबीएस/बीडीएस) के लिये शासकीय विद्यालय विद्यार्थी प्रवर्ग से प्रवेश के लिये अभ्यर्थी को संबंधित विभाग के जिला शिक्षाधिकारी/जिला संयोजक/सहायक आयुक्त द्वारा जारी किये गये। इस आशय के प्रमाण-पत्र को मूल प्रति में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा, जो कि अभ्यर्थी नियम-2 की अपेक्षा पूर्ण करता है।