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Budh Pradosh : बुध प्रदोष के दिन इन मंत्रों का करें जाप, पूरी होगी हर मनोकामना

Spiritual vrat tyohar budh pradosh vrat 2023 budh pradosh fast tomorrow worship at this time every wish will be fulfilled: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन शिव जी के निमित्त व्रत रखा जाता है और उनकी विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार जो भी भक्त पूरी श्रृद्धा से प्रदोष व्रत रखता है उसके जीवन के सभी कष्टों का निवारण होता है।

पंचांग के अनुसार, वैशाख मास का अंतिम प्रदोष व्रत मई में रखा जाता है। प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाएगा। इस बार त्रयोदशी तिथि बुधवार के दिन पड़ रही है, इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। जानते हैं प्रदोष व्रत सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत शुभ तिथि व मुहूर्त

प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 3 मई की शाम 6 बजकर 57 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। बुधवार के दिन पड़ने के चलते इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। हालांकि, त्रयोदशी तिथि 2 मई रात 11 बजकर 17 मिनट पर शुरु हो जाएगी और अगले दिन 3 मई तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि के चलते 3 मई के दिन ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत की पूजा

– प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और फिर व्रत का संकल्प लें।- स्नान पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर सुबह के समय मंदिर जाएं।- हालांकि प्रदोष व्रत की खास पूजा शाम के समय होती है, इसलिए पूजा में फलाहार, बेलपत्र, दीप, अक्षत और धूप आदि अर्पित किेए जाते हैं।

– इसके पश्चात भक्त शिव जी से अपनी मनोकामनाएं कहते हैं और पूजा का समापन कर प्रसाद वितरित करते हैं।

इन मंत्रों का करें जाप

ॐ नमो भगवते रुद्राय नमःइस मंत्र को रुद्र मंत्र कहा जाता है। प्रदोष व्रत के दिन इसका जाप करना बेहद शुभ होता है। मान्यता है कि ये मंत्र भक्तों की सभी मनोकामनाएं शिव जी तक पहुंचाता है।

ॐ नमः शिवाय108 बार इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का शरीर और दिमाग शांत रहता है और महादेव भी उसपर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!

ये शिव गायत्री मंत्र है। इस मंत्र को सर्वशक्तिशाली माना जाता है। बुध प्रदोष व्रत के दिन इस मंत्र से जातक को जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

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