भोपाल/सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में कोई भी कर्मचारी गड़बड़ी करता हुआ पाया जाएगा तो उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। योजना में आवेदन भरवा कर रजिस्ट्रेशन करने, ई-केवायसी और सूची तैयार करने के कार्य को ईमानदारी से बेहतर कार्य किया जाए। 30 अप्रैल को रविवार का अवकाश होने के बावजूद भी रजिस्ट्रेशन जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मई को अन्तिम सूची का प्रकाशन किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय समत्व भवन में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे। जन-प्रतिनिधि तथा जिलों के कलेक्टर्स वर्चुअली शामिल हुए। सतना कलेक्ट्रेट स्थित एन.आई.सी. कक्ष में कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित झाड़े, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह तथा नगर पंचायत के सीएमओ भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना में पहले ई-केवायसी के कार्य में कियोस्क के कर्मचारियों द्वारा पैसे मांगे जाने की शिकायतें मिल रही थी। जिला प्रशासन की सख्त कार्यवाही के बाद अब इस तरह की शिकायतें मिलना बंद हो गई हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी कलेक्टर्स, जन-प्रतिनिधियों और सभी कर्मचारियों को बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी कलेक्टर्स अपने कार्य क्षेत्र में बैंकों से समन्वय स्थापित करने डीएलसीसी की बैठकें अवश्य कर लें। प्रचार रथ एवं अन्य माध्यमों द्वारा योजना का बेहतर प्रचार होता रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जन-प्रतिनिधियों के सुझाव भी लिए।
फर्जी आपत्तियाँ दर्ज न हों
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रजिस्ट्रेशन होने के बाद लोगों की फर्जी आपत्तियाँ दर्ज न हों, इसके लिए ईमानदारी से जाँच करें। फर्जी शिकायतें रोकने के लिए महिला-बाल विकास विभाग द्वारा अच्छी व्यवस्था की गई है। इसमें शिकायत करने वाले को अपना नाम और मोबाइल नंबर देना आवश्यक होगा।
रविवार को भी लाडली बहना योजना का पोर्टल खुला रहेगा
मुख्यमंत्री लाडली बहना योजनान्तर्गत आवेदनों की आनलाईन प्रवष्टि की अन्तिम तिथि 30 अप्रैल होने के कारण रविवार को लाडली बहना आनलाईन पोर्टल खुला रहेगा। आयुक्त महिला एवं बाल विकास द्वारा जारी आदेशानुसार 30 अप्रैल रविवार को प्रातः 8 बजे से रात्रि 9 बजे तक पोर्टल से आवेदनों की आनलाईन प्रविष्टि की जा सकेगी। इसके पूर्व शासकीय अवकाश को दृष्टिगत रखते हुए रविवार 30 अप्रैल को पोर्टल बंद रखे जाने के निर्देश जारी किये गये थे।
मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान में जनता को मिलें बेहतर सेवाएँ -मुख्यमंत्री
शिविर लगा कर होगा समस्याओं का निराकरण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के दूसरे चरण में जनता को विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक प्राप्त हो। नामांतरण, बंटवारा, अविवादित नामांतरण, सीमांकन सहित विभिन्न 67 सेवाओं का लाभ इस अभियान में जनता को प्रदान किया जाना है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण अभियान है। अभियान में ब्लॉक स्तर पर शिविर लगा कर विभिन्न समस्याओं का निराकरण किया जाए। कलेक्टर्स अपने जिले में शिविर लगाने की योजना बना लें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास कार्यालय समत्व भवन से मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के द्वितीय चरण के संबंध में चर्चा कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कान्फ्रेसिंग में कलेक्टर अनुराग वर्मा, सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित झाड़े, अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह तथा नगर पंचायत के सीएमओ भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता की शिकायतों का निराकरण और काम होना ही राम राज्य की परिकल्पना है। अभियान में जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी जनता की समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित हो। जनता की सारी दिक्कतें दूर हों। जनता से सम्पर्क और संवाद बना रहे। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान को कलेक्टर्स और अधीनस्थ अमला गंभीरता से लें। इसमें लापरवाही अक्षम्य होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता की सेवा ही राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। सभी कलेक्टर्स जिले के विकास के लिए 5 साल का रोडमेप भी तैयार करें, जिससे आदर्श जिला बन सकें। प्रदेश में संसाधनों की कमी नहीं है। आने वाले 5 सालों में जिला प्रगति के नए सौपान गढ़े इसके लिए जन-प्रतिनिधि और कलेक्टर मिल कर काम करें। हर जिले का सम्पूर्ण विकास करना हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ग्रीष्मकाल में पेयजल, दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। कायाकल्प अभियान में निर्माण कार्य तेजी से पूरे हों, इसके लिए राशि जारी की गई है। सड़कों की गुणवत्ता से समझौता न हो। गेहूँ खरीदी का भुगतान में विलंब न हो। आगामी खरीफ फसलों के लिए खाद-बीज और कृषि आदान की पर्याप्त व्यवस्था कर ली जाए। वन ग्राम राजस्व ग्रामों में परिवर्तित हो जाएं, इसके लिए समय-सीमा में रूपरेखा तैयार की जाए।