जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले में संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं में मानक स्तर की प्रगति लाने के निर्देश दिये हैं। गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर ने कोविड 19 प्रबंधन, एएनसी रजिस्ट्रेशन, पूर्ण टीकाकरण, एसएनसीयू पोषण पुनर्वास केन्द्र, परिवार कल्याण कार्यक्रम सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की। इस मौके पर सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. केएल सूर्यवंशी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुचित्रा अग्रवाल, डॉ. चरण सिंह, डा.ॅ पीके श्रीवास्तव, डॉ. ज्ञानेश मिश्रा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय आरख, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सौरभ सिंह और बाल विकास परियोजनाओं के सीडीपीओ तथा खण्ड स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित थेे।
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर ने सबसे पहले जिला चिकित्सालय की व्यवस्था के संबंध में समीक्षा की। उन्होंने जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं और लापरवाही संबंधी खबरों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सिविल सर्जन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार लाने और संबंधित व्यक्तियों पर कडी कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में सिविल सर्जन का रिस्पांस स्पष्ट दिखना चाहिए।
एएनसी रजिस्ट्रेशन में गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन अनमोल एप में 63 प्रतिशत शिशुओं का रजिस्ट्रेशन मात्र 48 प्रतिशत ही पाये जाने पर कलेक्टर ने अप्रसन्नता व्यक्त की। सबसे कम रजिस्ट्रेशन रामपुर बघेलान 57 प्रतिशत और मझगवां में 61 प्रतिशत पाये जाने पर कलेक्टर ने बीएमओ डॉ. सतनामी और तरूणकान्त त्रिपाठी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने मझगवां बीएमओ को लम्बे समय से पदस्थ रहने के बावजूद अस्पताल की साफ-सफाई और व्यवस्थाओं में सुधार नहीं ला पाने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी। कलेक्टर ने कहा कि एएनसी रजिस्ट्रेशन में लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी उपलब्धि नहीं कर पाना गम्भीर बात है।
पूर्ण टीकाकरण की समीक्षा में बताया गया कि जिले की औसत उपलब्धि 85 फीसदी है। जबकि इसे न्यूनतम 90 प्रतिशत होना चाहिए। टीकाकरण में मैहर की उपलब्धि 100 प्रतिशत रही जबकि मझगवां, अमरपाटन में सबसे कम 87 और 86 प्रतिशत रही। पोषण पुनर्वास केन्द्र में उपलबध बेड संख्या और भर्ती कमजोर बच्चों की स्थिति की समीक्षा में कहा कि निर्धारित वार्षिक लक्ष्य स्वीकृत 100 बेड के विरूद्ध 2400 के लक्ष्य की 1071 पूर्ति अत्यंत कम है। मात्र 45 प्रतिशत औसत एक्यूपेसी पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्र में कमजोर बच्चों की भर्ती का दायित्व अकेले आगनवाडी का नहीे है। यह डाक्टरों का भी कर्तव्य है कि उपचार के दौरान कमजोर स्थिति के बच्चे उनके संज्ञान में आते है तो पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराये।
मझगवां पोषण पुनर्वास केंद्र के भवन निर्माण के फलस्वरूप एनआरसी की सेवाएं 2 माह से बंद पाए जाने पर कलेक्टर ने बीएमओ मझगवां और उपयंत्री आरसीएच के प्रति गंभीर नाराजगी जताई। कलेक्टर ने पोषण पुनर्वास केंद्र मझगवां का फिनीशिंग कार्य दो दिवस के भीतर पूरा कर एनआरसी चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने पूरे जिले में पोषण पुनर्वास केंद्र की स्वीकृत बेड क्षमता का उपयोग नहीं कर पाने पर सभी बीएमओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
परिवार कल्याण कार्यक्रम की समीक्षा में वार्षिक लक्ष्य 13 हजार 626 के विरुद्ध 102 पुरुष और 8 हजार 294 महिला सहित 8 हजार 396 ऑपरेशन किए जाने और 62 प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति की जानकारी दी गई। एनीमिया मुक्त भारत की समीक्षा में बताया गया कि इस वर्ष की उपलब्धि 56 प्रतिशत है। जबकि गत वर्ष 62 प्रतिशत रही है। अभियान की पूर्ति में 6 प्रतिशत की गिरावट पर प्रभारी अधिकारी डॉ चरण सिंह और सभी बीएमओ को नोटिस जारी करने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। राष्ट्रीय कार्यक्रमों में राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी में डॉक्टर पीके श्रीवास्तव ने बताया कि सतना जिले में 10 हजार की जनसंख्या पर एक मरीज से कम का लक्ष्य वर्ष 2002-03 में ही प्राप्त कर लिया है। सतना जिला कुष्ठ निर्मूल जिला की श्रेणी में है। इस दौरान कुल 53 नए रोगी खोजे गए। जिनमें 43 रोग मुक्त हो चुके हैं। 10 उपचाररत हैं। जिले की रोग प्रसार दर प्रति 10 हजार जनसंख्या पर 0.07 मरीज की है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में बताया गया कि जन्मजात विकृति के बीमारियों से ग्रस्त 429 बच्चों को सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया है। जिसमें 395 बच्चों की सर्जरी की जा चुकी है। अभी 34 बच्चों की सर्जरी लंबित है। कलेक्टर श्री वर्मा ने 34 बच्चों की सर्जरी लंबित रखे जाने पर प्रभारी अधिकारी मीना द्विवेदी के प्रति गहरी नाराजगी जाहिर की।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना में 75 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले सीडीपीओ को नोटिस
सतना 20 अप्रैल 2023/ जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर अनुराग वर्मा ने महिला बाल विकास विभाग की स्वास्थ्य से संबंधित महत्वपूर्ण योजनाओं एवं पोषण योजनाओं की समीक्षा भी की।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में वर्ष 2022-23 में अब तक निर्धारित लक्ष्य 21 हजार 413 हितग्राहियों के विरुद्ध 16 हजार 252 अर्थात 75.90 प्रतिशत औसत उपलब्धि की जानकारी दी गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरव सिंह ने बताया कि योजना के तहत प्रथम संतान को जन्म देने वाली महिलाओं को पात्रता अनुसार 5 हजार रूपये की सहायता दी जाती है। बालिका जन्म को बढ़ावा देने योजना के दायरे को बढाकर द्वितीय संतान बेटी के जन्म होने पर भी हितग्राही महिला को लाभ दिया जाएगा। कलेक्टर श्री वर्मा ने परियोजनावार योजना की प्रगति की समीक्षा की और 75 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाली परियोजना के सीडीपीओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इनमें परियोजना अधिकारी नागौद एक, रामपुर बघेलान दो, चित्रकूट एक, मैहर दो, नागौद दो, अमरपाटन, रामनगर शामिल है। सतना एक और दो कि परियोजना का उपलब्धि प्रतिशत 90 से ज्यादा रहा।
पोषण ट्रैकर ऐप पर आधार वेरिफिकेशन में बताया गया कि 1 लाख 82 हजार 772 लक्ष्य के विरुद्ध 1 लाख 69 हजार 403 हितग्राहियों का आधार वेरिफिकेशन किया जा चुका है। जो लक्ष्य का 92.69 प्रतिशत है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करा दिए गए हैं। केंद्र से पोषण आहार सामग्री के वितरण की इन्ट्री पोषण ट्रैकर ऐप पर की जा रही है। भविष्य में पोषण आहार वितरण की ट्रेकर ऐप में इन्ट्री के अनुसार ही पोषण आहार का आवंटन प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना में पंजीयन के निर्धारित लक्ष्य अनुमानित 4 लाख के विरुद्ध 2 लाख 90 हजार 83 हितग्राहियों के ऑनलाइन पंजीयन की जानकारी दी गई।