सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा आयोजित कराई जा रही परीक्षाओं को लेकर असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है एक ओर पांचवी और आठवीं की परीक्षाओं को निरस्त कर दिया गया है और नई तारीखें अब तक घोषित नहीं हुई है l वहीं दूसरी ओर अब कक्षा 3,4,6 एवं 7 की परीक्षा कार्यक्रम में भी संशोधन कर दिया गया है जबकि स्कूलों में नए सत्र में प्रवेश की तैयारी शुरू हो गई हैl राज्य शिक्षा केंद्र ने आर टी ई की लॉटरी निकालने के बाद इसके तहत प्रवेश की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है ऐसे में आधी अधूरी परीक्षाओं के बीच अभिभावक शिक्षक और बच्चे परेशान हो रहे हैं l शिक्षक संगठन और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने इस मुद्दे को लेकर शिवराज सरकार की व्यवस्था को दोषी ठहराते हुए नाराजगी जताई है l
एसोसिएशन ने भी इस पर विरोध जताया है, इनका कहना है कि बीच में ही परीक्षाएं स्थगित होने और स्थानीय परीक्षा आगे बढ़ने से बच्चों अभिभावकों और शिक्षकों के मंसूबों पर विभाग ने पानी फेर दिया है lकई परिवारों ने परिवारिक कार्यक्रमों तथा अन्य कार्यों में से रिजर्वेशन करा दिए थे अब इन्हें कैंसिल कराना पड़ रहा हैl उन परीक्षाओं से निवृत होकर शिक्षकों को नवीन शिक्षा सत्र की तैयारी में जुड़ना है लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है l प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन जिला सतना के अध्यक्ष मनोज दुबे अकेला ने कहा कि बीच सत्र में कक्षा पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा कराने का ades अव्यवहारिक निर्णय वाले राज्य शिक्षा केंद्र कि इन दिनों खूब फजीहत हो रही है l आनन-फानन में बच्चों के तैयारी का आकलन किए बिना अधिकारियों ने एक प्रकार से बोर्ड परीक्षा कराने की जिद पाल रखी थी उसका खामियाजा ना सिर्फ बच्चे और अभिभावक भुगत रहे हैं बल्कि इस अव्यवहारिक निर्णय से प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है l
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन शुरू से ही पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षा कराने का विरोध करता रहा है l इस संबंध में धरना प्रदर्शन किए गए राज शिक्षा केंद्र के इस निर्णय के कारण होने वाली समस्याओं से अधिकारियों को लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया गया लेकिन अधिकारी जिद पर अड़े रहे जिसका नतीजा यह रहा कि बचे हुए पेपर कब होंगे इस बारे में फिलहाल कुछ पता नहीं है l प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के मुताबिक पिछले 2 साल करोना के चलते बच्चे स्कूल नहीं जा सके l कक्षा दूसरी के बाद सीधे पांचवी और परीक्षा में शामिल हुए l छोटे बच्चों को बोर्ड परीक्षा लेकर उन्हें मानसिक तनाव का शिकार बनाया गया हैl पांचवी और आठवीं का पेपर आउट होने लगे हिंदी के पेपर में पर्यावरण का पेपर दिया गया l किसी किसी सेंटर पर तो स्थिति यह थी कि बच्चे 500 और पेपर 150 भेजें गए l अब स्थिति यह है कि कक्षा आठवीं संस्कृत का पेपर दोबारा कराने की स्थिति निर्मित हुई एवं कक्षा पांचवीं और आठवीं की गणित की परीक्षा कब होगी या नहीं हो पाएगी इसका कुछ भी पता नहीं है l परीक्षा के दौरान हर दिन लीक होते प्रश्न पत्रों ने प्रदेश की छवि पर दाग लगाया है l सिस्टम पूरी तरह से फेल रहा है l