सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास मनोज कश्यप ने बताया कि खरीफ फसलों के लिये जिले के सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में उर्वरक पर्याप्त मात्रा में भंडारित है। साथ ही शासन से उर्वरक की रैक प्रदाय की जा रही है। कृषकों के हितों को ध्यान में रखते हुये जिले के सभी उर्वरक निरीक्षकों और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारियों को उर्वरक विक्रय केंद्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये हैं। उप संचालक ने बताया कि कृषि अधिकारियों और निरीक्षकों को निर्देश दिये गये हैं कि उर्वरक केंद्रों के निरीक्षण के दौरान उर्वरक की भौतिक मात्रा का मिलान आईएफएमएस पोर्टल में फीड मात्रा से करना सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा विक्रय केंद्र पर रेट सूची और स्टॉक प्रदर्शन बोर्ड की व्यवस्था करने तथा कृषकों को निर्धारित दर पर उर्वरक का विक्रय करने प्रत्येक उर्वरक विक्रेता को निर्देशित करना भी सुनिश्चित करेंगे।
उप संचालक श्री कश्यप ने सभी उर्वरक निरीक्षकों और कृषि विकास अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि यदि किसी उर्वरक विक्रेता द्वारा निर्धारित दर से अधिक कीमत पर उर्वरक का विक्रय किया जा रहा हो अथवा किसी प्रकार की अनियमितता की जा रही हो, तो संबंधित विक्रेता के विरुद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे। उर्वरक वितरण में अनियमितता एवं अधिक दर पर उर्वरक विक्रय की सूचना किसी भी माध्यम से उप संचालक कृषि विकास तथा किसान कल्याण कार्यालय सतना को प्राप्त होती है, तो इसकी संपूर्ण जवाबदारी संबंधित क्षेत्र के कृषि अधिकारी की होगी।
कक्षा-5 और 8 की पुनः परीक्षा के संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र ने जारी किये निर्देश
पुनः परीक्षा 3 जून से होगी प्रारंभ
स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा-5 और 8 की पुनः परीक्षा सत्र 2023-24 के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इस संबंध में जिला कलेक्टर्स को राज्य शिक्षा केन्द्र ने पत्र लिखा है। कक्षा-5 और 8 की पुनः परीक्षा 3 जून से 8 जून के मध्य होगी। राज्य शिक्षा केन्द्र ने प्रोजेक्ट कार्य के अंकों की प्रविष्टि के संबंध में कहा है कि ऐसे परीक्षार्थी, जो अनुत्तीर्ण हो गये हों या अनुपस्थित रहे हों, उन छात्रों के प्रोजेक्ट कार्य 15 मई तक अनिवार्य रूप से पूरा कर मूल्यांकन किया जाये। इन कक्षाओं के पुनः परीक्षा केन्द्र जनशिक्षा केन्द्र पर ही निर्धारित किये जायें। छात्रों की संख्या 500 से अधिक होने पर दूसरा परीक्षा केन्द्र राज्य शिक्षा केन्द्र की अनुमति से बनाया जा सकेगा।
निर्देशों में कहा गया है कि परीक्षा केन्द्र तक परीक्षार्थियों को पहुँचाने का दायित्व संबंधित शाला प्रमुख और शिक्षकों का होगा। परीक्षार्थियों के प्रवेश-पत्र डाउनलोड कर प्राप्त किये जा सकेंगे। इस संबंध में विस्तृत जानकारी राज्य शिक्षा केन्द्र के जिला समन्वयक से भी प्राप्त की जा सकती है।
शार्ट सर्किट को हल्के में न लें, तुरंत ठीक करवाएं
विद्युत वितरण कंपनी ने आमजन से आगाह किया है कि घर अथवा संस्थान में कहीं भी शार्ट सर्किट होने पर उसे हल्के में न लें, बल्कि तुरंत इलेक्ट्रिशियन को बुलाकर ठीक करवाएं। ऐसे में जरा सी असावधानी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। करंट से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम में आमजनों का भी सहयोग जरूरी है।
कंपनी ने कहा है कि यदि घरों में अर्थिंग नहीं है तो वायरिंग के पहले अर्थिंग जरूर दें। इसके साथ ही घटिया या सस्ती वायरिंग की बजाय मानक स्तर की वायरिंग करवाएं, जिससे शार्ट सर्किट से होने वाली हानि से बचा जा सके। एक अनुमान के मुताबिक ज्यादातर शार्ट सर्किट की घटनाएं या तो घटिया वायरिंग के कारण होती हैं या फिर ज्यादा समय से पुरानी वायरिंग होने के चलते शार्ट सर्किट की घटनाएं होती हैं। इसलिए जरा सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है। बिजली कंपनी आम उपभोक्ता को पुरानी वायरिंग की जगह मानक स्तर की नई वायरिंग करवाने की सलाह देती है, जिससे शार्ट सर्किट की घटनाओं से बचा जा सके। विद्युत लाइनों से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत हों तो तत्काल कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर 1912 पर या समीप के वितरण केन्द्र कार्यालय में सूचना अवश्य दें।
विद्युत वितरण कंपनी ने कहा है कि घरेलू विद्युत उपकरणों, वायरिंग, स्विच आदि को स्वयं सुधारने के बजाय किसी प्रशिक्षित इलेक्ट्रीशियन की सेवाएं लें। मानव जीवन अमूल्य है। बिजली के स्विच, सॉकिट, बिजली उपकरण बच्चों की पहुंच से दूर रखें। स्वीकृत भार से अधिक लोड का उपयोग न करें। उचित क्षमता के एम.सी.सी.बी, कट-आउट लगाने के साथ ही अच्छी गुणवत्ता की वायरिंग का ही उपयोग करें। वर्ष में एक बार अपने परिसर की वायरिंग, फिटिंग, अर्थिंग अनुभवी एवं दक्ष इलेक्ट्रीशियन से अवश्य जांच कराएं, ताकि शार्ट सर्किट की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।